PM मोदी ने किया Mahakal Corridor का उद्घाटन, देखिए उज्जैन महाकाल लोक की बेहद खूबसूरत तस्वीरें

मस्तक पर त्रिपुंड, गले में रूद्राक्ष की माला, ओंठों पर मूक-स्वरों में बुदबुदाते मंत्र… बंद पलकों में देश के लिए कामना करते ये हैं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। जो मंगलवार को महाकाल की नगरी उज्जैनी पहुंचे। जहां महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के गर्भगृह में उन्होंने विधिवत पूजा-अर्चना की। गर्भगृह में 3 मिनट तक ध्यान भी लगाया। इसके बाद उन्होंने कदम बढ़ाए उस ओर जिसका सभी को बड़ी बेताबी से इंतज़ार था। जी हां, बता दें कि मंगलवार को PM मोदी ने धार्मिक नगरी उज्जैनी में महाकाल लोक प्रोजेक्ट (Mahakal Corridor) का लोकार्पण किया।
856 करोड़ रुपए की लागत से बना है Mahakal Corridor
गौरतलब है कि महाकाल लोक प्रोजेक्ट दो फेज में 856 करोड़ रुपए की लागत से डेवलप किया जा रहा है। इसके जरिए 2.8 हेक्टेयर में फैला महाकाल परिसर 47 हेक्टेयर का हो जाएगा। इसमें 946 मीटर लंबा कॉरिडोर है, जहां से श्रद्धालु गर्भगृह पहुंचेंगे। उज्जैन में स्थिति महाकाल परिसर का विस्तार 20 हेक्टेयर में किया जा रहा है। ये कितना भव्य और विशाल है, इस बात का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि ये काशी विश्वनाथ कोरिडोर से 4 गुना बड़ा है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को कला के साथ-साथ तकनीक का भी अद्भुत संयोग देखने को मिलेगा।
बताया जा रहा है इस परिसर में भगवान शिव के पूरे परिवार को स्थापित किया गया है, अलग-अलग मुद्राओं वाले लगभग 200 मूर्तियां यहां की भव्यता को और बढ़ा रही हैं। इसका सबसे बड़ा आकर्षण यहां पर बनाए गए 108 विशाल स्तंभ हैं, जिनपर माता पार्वती, भगवान शिव के साथ-साथ कार्तिकेय और श्रीगणेश के भी चित्र उकेरे गए हैं। ये चित्र दिखने में मूर्तियों जैसे हैं, लेकिन ये स्तंभों का ही हिस्सा है।
भव्य कार्यक्रम में PM मोदी ने किया Mahakal Corridor का उद्घाटन
बात करें महाकाल लोक प्रोजेक्ट (Mahakal Corridor) की बात करें, तो इसके मुख्य द्वार जिसे नंदी द्वार कहा जाता है वहां 15 फीट ऊंचा शिवलिंग बनाया गया है। इसे रक्षा सूत्र से तैयार किया गया है। कपड़े से ढंके इस शिवलिंग को प्रधानमंत्री मोदी ने रिमोट का बटन दबाकर हटाया, इस कपड़े के हटते ही महाकाल लोक के पहले फेज का लोकार्पण हो गया। इस मौके को यादगार बनाने के लिए पूरे उज्जैन को सजाया दिया गया था। पूरा शहर रंग-बिरंगी झिलमिल रौशनी में नहाया हुआ दिखाई दिया।
वहीं इन ऐतिहासिक क्षणों का साक्षी बनने के लिये, जैसे पूरा संत समाज ही उमड़ पड़ा। कार्यक्रम स्थल तक हालांकि सभी को अनुमति नहीं थी, लेकिन 200 साधुओं की उपस्थिति को निश्चित रखा गया था। जो लोग इसे सीधे नहीं देख पाए उन्हें भी मायूस नहीं किया गया। शिप्रा नदी के तट पर इसके लिए खास प्रबंध किए गए थे। जहां बड़ी-बड़ी स्क्रीन्स लगाई गई थीं, जिस पर पूरे कार्यक्रम का लाइव टेलीकास्ट हुआ। कार्यक्रम स्थल पर वाटर प्रूफ डोम बनाया गया था, जहां 60 हजार लोग मौजूद रहे।
वैसे आपको ये जानकर ताज्जुब होगा कि महाकाल लोक के लोकार्पण कार्यक्रम का, दुनिया के 40 देशों में सीधा प्रसारण हुआ। जहां भारतवंशियों ने इस कार्यक्रम को सीधे अपनी स्क्रीन्स पर देखा।
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