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दुश्मन भी आपके आगे घुटने टेक देगा, अपना लें सांप का ये खास गुण, हमेशा चखोगे जीत का स्वाद

कहते हैं सीखना कभी खत्म नहीं होता है। सीखने के लिए पूरा जीवन भी कम पड़ जाता है। यह सीख आप कहीं से भी ले सकते हैं। यहां तक कि अपने आसपास मौजूद बेजूबान जानवर भी आपको जीवन की बड़ी सीख दे जाते हैं। अपने जमाने के महान विद्वान आचार्य चाणक्य (Chanakya) ने भी अपनी चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में इंसानों को जानवरों और पक्षियों से सीखने की सलाह दी है। चाणक्य के अनुसार जानवरों के कुछ खास गुणों को अपनाकर इंसान जीवन में सफलता का स्वाद चख सकता है।

सांप से सीखे कमजोरी को ताकत बनाना

चाणक्य नीति के अनुसार इंसान को एक सांप से यह सीखना चाहिए कि कैसे अपनी कमजोरी को अपनी सबसे बड़ी ताकत बनाया जाता है। सांप के पैर नहीं होते हैं। यह उसकी एक कमजोरी है। लेकिन वह अपनी कमजोरी कभी जाहीर नहीं करता है। बल्कि उसने बिना पैरों के रेंगने में ही इतनी महारत हासिल कर ली कि वही उसकी ताकत बन गई है। वह रेंगकर पैरों की तुलना में अधिक तेज रफ्तार से चल और हमला कर सकता है। उसकी तेजी देखकर लोग उससे थर-थर कांपते हैं।

शेर से सीखे एकाग्रता

चाणक्य नीति की माने तो शेर से इंसानों को एकाग्रता का भाव सीखना चाहिए। शेर जब भी कोई काम करता है तो बड़ी एकाग्रता के साथ करता है। उदाहरण के लिए जब वह अपना शिकार करता है तो उसका पूरा फोकस शिकार पर ही केंद्रित रहता है। वह उसकी सभी हरकतों को भापता है। फिर सही मौका देखकर हमला करता है। यदि शिकार भागता या बचने की कोशिश करता है तो भी शेर हार नहीं मानता है। वह पूरी एकाग्रता से शिकार में तब तक लगा रहता है जब तक उसे शिकार मिल नहीं जाता है।

बाज से सीखे लक्ष्य को हासिल करना

चाणक्य नीति कहती है कि हम इंसानों को बाज से अपने लक्ष्य को हासिल करने का गुण सीखना चाहिए। बाज कभी भी अपने लक्ष्य से चूकता नहीं है। हमे जीवन में अवसर रोज-रोज नहीं मिलते हैं। इसलिए जब कोई अवसर मिले तो उसे पूरा करने में हर संभव प्रयास करना चाहिए। बाज अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए कभी जल्दबाजी में फैसला नहीं लेता है। वह पहले स्थिति का जायजा लेता है। फिर सोच समझकर अपना दाव चलता है। हमे भी ऐसे ही सोच समझकर जीवन में सही निर्णय लेने चाहिए।

गधे से सीखे मेहनत करना

चाणक्य नीति ने गधे के एक गुण और एक अवगुण दोनों का जिक्र किया है। गधे का गुण यह है कि वह बहुत मेहनती है। मेहनत करने से घबराता नहीं है। हमे भी ऐसा ही मेहनती बनना चाहिए। हालांकि गधे का अवगुण यह है कि वह बिना किसी लक्ष्य के मेहनत करता रहता है। जबकि हमे जीवन में एक लक्ष्य निर्धारित कर मेहनत करना चाहिए। अन्यथा हम गधे की तरह जीवनभर लोगों की गुलामी ही करते रहेंगे।

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