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हनुमान जी हर छबि की पूजा का मिलता है अलग फल, जानिए किस रूप को पूजने से क्या फल

सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है। मंगलवार का दिन महाबली हनुमान जी को समर्पित है। इस दिन भक्त हनुमान जी की विशेष पूजा-अर्चना और उपासना करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जिस व्यक्ति के ऊपर हनुमान जी की कृपा दृष्टि बनी रहती है, उस व्यक्ति के जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं। कलयुग में भी हनुमान जी एक ऐसे देव हैं, जो धरती पर भक्तों के बीच विद्यमान हैं। अगर उन्हें सच्चे मन और पूरे भक्ति भाव के साथ पुकारा जाए तो वह भक्तों की मदद के लिए जरूर आते हैं।

हनुमान जी को संकट मोचन कहा जाता है। इनकी कृपा से जीवन के सारे दुख-दर्द और संकट दूर हो जाते हैं। हनुमान जी के एक नहीं बल्कि कई रूप हैं, जिन्हें सच्चे दिल से पूजने पर वह सारे संकट दूर कर देते हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से हनुमान जी के विभिन्न रूपों के बारे में बताने जा रहे हैं। इसके साथ ही आपको बताएंगे कि किस रूप की पूजा करने से कौन सा संकट दूर होता है और क्या फल मिलता है।

हनुमान जी की एकादश मूर्ति

शास्त्रों में इस बात का उल्लेख किया गया है कि भगवान शिव जी के 11वें अवतार हनुमान जी हैं। पुराणों के अनुसार देखा जाए तो 11 मुख वाले कालकारमुख नामक एक भयानक बलवान राक्षस का वध करने के लिए श्री राम की आज्ञा से हनुमान जी ने एकादश रूप का धारण किया था। ऐसा माना जाता है कि अगर घर के अंदर एकादशी रूप वाली हनुमान जी की मूर्ति की पूजा की जाए तो इससे व्यक्ति को सभी देवी देवताओं की उपासना के बराबर फल की प्राप्ति होती है।

हनुमान जी की पंचमुखी मूर्ति

हनुमान जी ने पंचमुखी रूप उस समय धारण किया था, जब राम-लक्ष्मण को रावण से मुक्त कराना था। धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, रावण का वध करने के लिए पांचों दीपक को एक साथ बुझाना आवश्यक था। इसी वजह से हनुमान जी ने पंचमुखी अवतार धारण किया था। ऐसा माना जाता है कि अगर घर में हनुमान जी के पंचमुखी अवतार की मूर्ति की पूजा की जाए तो इससे व्यक्ति की सभी संकटों से रक्षा होती है।

हनुमान का सूर्यमुखी रूप

शास्त्रों में इस बात का उल्लेख किया गया है कि महाबली हनुमान जी के गुरु सूर्य देव हैं। ऐसे में हनुमान जी का सूर्य मुखी अवतार ज्ञान, विद्या, ख्याति, उन्नति और सम्मान दिलाता है। इसे पूर्व मुखी हनुमान के नाम से भी जाना जाता है। अगर हनुमान जी के इस रूप की पूजा की जाए तो इससे व्यक्ति को बहुत लाभ मिलता है।

वीर हनुमान जी की मूर्ति

वैसे तो महाबली हनुमान जी के कई नाम हैं, उन्ही नामों में से एक उनका एक नाम वीर हनुमान भी है। हनुमान जी की प्रतिमा की पूजा करने से कामकाज की सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं। इतना ही नहीं बल्कि जीवन में साहस, बल, पराक्रम और आत्मविश्वास की भी प्राप्ति होती है।

हनुमान जी की दास मूर्ति

महाबली हनुमान जी प्रभु श्री राम जी के दास हैं। ऐसा माना जाता है कि दास हनुमान जी की आराधना से व्यक्ति के अंदर सेवा और समर्पण की भावना पैदा होती है। इसके साथ ही व्यक्ति की धर्म, कार्य और रिश्तो के प्रति समर्पण सेवा होने से ही सफलता मिलती है। आप लोगों ने हनुमान जी की तस्वीरों और मूर्ति में देखा होगा कि प्रभु श्री राम जी के चरणों में ही हनुमान जी बैठे हुए नजर आते हैं। प्रभु श्री राम के दास हनुमान जी की दास मूर्ति की पूजा करने से सफलता की प्राप्ति होती है।

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