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Chabakya Niti: घोर पाप है बच्चों के सामने ये काम करना, एक बार भी किया तो जिंदगीभर पछताओगे

बच्चे बड़े भोले और मासूम होते हैं। बचपन उनकी सीखने की उम्र होती है। वह बड़े जिज्ञासु प्रवत्ति के होते हैं। वह अपने आसपास के वातावरण से बहुत कुछ सीखते हैं। घर में जैसा माहौल रहता है वह वैसी ही सोच रखकर बड़े होते हैं। उन्हें वैसे ही संस्कार मिलते हैं। इसलिए आप बच्चों के सामने कैसे काम करते हैं, कैसी बातें करते हैं इन सभी का उनके विकास पर गहरा असर पड़ता है। ऐसे में आपको बच्चों के सामने कुछ खास काम करने से परहेज करना चाहिए। इस बात का जिक्र आचार्य चाणक्य ने भी अपनी चाणक्य नीति में किया है।

झूठ

बच्चे मन के सच्चे होते हैं। ऐसे में उन्हें बचपन से झूठ बोलना नहीं सिखाना चाहिए। आप हमेशा उनके सामने ईमानदारी का उदाहरण पेश करें। कभी भी उनके सामने कोई झूठ ना बोलें। यदि उन्हें पता चल गया कि झूठ बोलने से बहुत से काम शॉर्ट कट में निपट जाते हैं तो वह जीवन में सच्चाई, ईमानदारी और मेहनत का पाठ नही सीख पाएंगे। वहीं उन्हें आपके किसी झूठ से बुरा भी लग सकता है। ऐसे में आप उनकी नजरों में गिर जाएंगे। इसलिए बच्चों के सामने झूठ बोलने से परहेज करना चाहिए।

अपमान

बच्चों को हमेशा दूसरों का मान सम्मान करना सीखना चाहिए। अपनों से बड़ों का आदर करना और महिलाओं की इज्जत करना सीखना चाहिए। यदि आप उनके सामने दूसरों का अपमान करेंगे, उन्हें बेइज्जत करेंगे तो वह भी ऐसी ही गुण सीखेंगे। आप उनके सामने एक गलत उदाहरण पेश करेंगे। बड़े होकर उनमें भी ये अवगुण आ जाएगा। फिर वह भी आगे चलकर आपका ऐसा ही अपमान कर सकते हैं। इसलिए उन्हें बचपन से अच्छी शिक्षा दें।

कमियां निकालना

हमे बच्चों के सामने दूसरों की कमियां नही निकालना चाहिए। किसी को उसकी कमजोरी बार बार नही गिनाना चाहिए। इसके साथ ही उन्हें दूसरों को डिमोटिवेट करना भी नही सिखाना चाहिए। इन सभी चीजों का ध्यान जरूर रखें। यदि आप बच्चों के सामने ऐसी हरकतें करते हैं तो वह अच्छे सोच विचार के साथ बड़े नहीं होंगे। खुद को कमजोर और नाकारा समझकर कोशिश करना छोड़ देंगे। यह डिप्रेशन उन्हें बर्बाद कर देगा। वह अधिक गुस्सा भी करने लगेंगे। चिढ़चिढ़े हो जाएंगे।

गलत भाषा

बच्चों के सामने कोई भी अपशब्द बोलने से बचना चाहिए। आप उनके सामने गाली गलौज भी ना करें। घर में यदि गलत भाषा का माहौल रहेगा तो वह भी वैसी गंदी बोली बोलना सीखेंगे। इससे यह अपशब्द उनकी रोजमर्रा की भाषा का हिस्सा बन जाएंगे। फिर कई बार ऐसा भी अवसर आएगा कि वह आपकी ही गंदी बोली में आप से बात करेंगे। इसलिए अपनी जुबान पर लगाम लगाए और कुछ भी बोलने से पहले दस बार सोचें।

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