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अनाथ बच्चियों के लिए मसीहा बना ये आदमी, 300 अनाथ लड़कियों की कराई शादी, हिंदू-मुस्लिम शामिल

जैसा कि हम सभी लोग यह बात अच्छी तरह से जानते हैं कि इस देश में अभी भी ऐसे कई स्थान हैं, जहां पर लोग बेटियों से ज्यादा बेटों की चाहत रखते हैं। अगर इनके घर के अंदर बेटी का जन्म होता है तो खुशी मनाने की जगह वह दुखी हो जाते हैं लेकिन आजकल के समय में बेटियां भी बेटों से बिल्कुल भी कम नहीं हैं। कई क्षेत्रों में बेटियां बेटों से आगे निकल रही हैं और माता-पिता के साथ-साथ अपने देश का भी नाम रोशन कर रहे हैं।

भले ही समय के साथ-साथ जमाना बदलता जा रहा है परंतु बदलते जमाने के साथ कुछ लोग ही हैं जो बदल रहे हैं। अभी भी कुछ लोग इस दुनिया में ऐसे भी हैं जो बेटी से ज्यादा बेटे के जन्म पर खुशी मनाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि लोगों का मानना है कि बेटी की शादी के समय लगने वाला दहेज बहुत ज्यादा है, जिसके चलते लोग बेटी के जन्म पर दुखी हो जाते हैं।

माता-पिता को सबसे ज्यादा अपनी बेटी की चिंता उसकी शादी की होती है लेकिन ऐसा कहा जाता है कि हर लड़की अपनी किस्मत ऊपर से ही लिखवाकर आती है। इसीलिए बेटी के जन्म पर दुखी बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए। जो बेटी के हिस्से का है वह उसको जरूर मिल जाएगा। इसी बीच हम आपको गुजरात के सूरत के एक शख्स के बारे में जानकारी देने वाले हैं जो अनाथ लड़कियों के लिए मसीहा बना है।

यह शख्स सैंकड़ो लड़कियों के लिए पिता से बढ़कर है और लड़कियां भी इन्हें मसीहा मानती हैं। जिस शख्स के बारे में हम आपको बता रहे हैं इसने 300 अनाथ लड़कियों की शादी करवाई, जिसमें हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई चारों धर्म से ताल्लुक रखने वाली लड़कियां शामिल हैं। कहीं फेरे हुए तो कहीं निकाह पढ़ा गया तो कहीं सिख ईसाई धर्म के अनुसार शादी कराई गई।

दरअसल, इस शख्स का नाम महेश सावानी हैं, जो गुजरात के हीरा व्यापारी हैं। महेश सावानी की गिनती बड़े व्यापारियों में होती है। महेश सावानी ने हर बार की तरह इस बार भी ऐसी लड़कियों का विवाह करवाया जिनके माता-पिता नहीं हैं। उन्होंने इस बार 300 अनाथ लड़कियों का विवाह करवाया। यह विवाह एक बड़े परिसर में हुआ। दूल्हा और दुल्हन के लिए हर आवश्यक चीजों का इंतजाम कराया गया। मेहंदी रस्म में 1000 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया।

आपको बता दें कि इस सामूहिक विवाह समारोह के हर इंतजाम को वह बारीकी से खुद देखते हैं। इतना ही नहीं बल्कि दूल्हा और दुल्हन को आशीर्वाद भी देते हैं। इन्हीं नेक कामों की वजह से महेश सावानी की छवि मसीहा के रूप में सामने आई है।

सच मायने में देखा जाए तो व्यापारी महेश सावानी अनाथ लड़कियों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं हैं। यह सैकड़ों सैकड़ों लड़कियों के दत्तक पिता हैं। यह हर वर्ष सैकड़ों लड़कियों की शादियां इसी प्रकार से करवाते आ रहे हैं। महेश सावानी यह नेक काम पिछले 10 सालों से कर रहे हैं। अब तक यह हजारों लड़कियों के पिता बन गए हैं। इनके द्वारा किए गए इस नेक कार्य की वजह से यह सिर्फ गुजरात में ही मशहूर नहीं है बल्कि देशभर में इनके काम की खूब चर्चा होती है।

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