इस कारण ताउम्र कुंवारे रहें संजीव कुमार, हेमा मालिनी से था इश्क, दर्दनाक है एक्टर की कहानी

हिंदी सिनेमा की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘शोले’ में रामगढ़ के ठाकुर का किरदार निभाने वाले मशहूर एक्टर संजीव कुमार आज किसी पहचान के मोहताज नहीं है। यूं तो संजीव कुमार अब हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनके द्वारा निभाए गए किरदार हमेशा दर्शकों के दिलों में जिंदा रहेंगे। संजीव कुमार हिंदी सिनेमा के एक ऐसे सितारे थे जिन्होंने अपने करियर में एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्मों में काम किया।
उनके इस दुनिया से रुखसत होने के बावजूद हमेशा उनकी चर्चा होती है और उनके जीवन से जुड़े कई किस्से सुर्खियों में रहते हैं। बता दे संजीव कुमार ने कभी शादी नहीं की और 47 की उम्र में उनका देहांत हो गया। आज संजीव कुमार की 37वीं पुण्यतिथि है। ऐसे खास मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें…
फिल्मों में आने से पहले पॉपुलर हो गए थे संजीव कुमार
बता दें, संजीव कुमार का असली नाम हरिहर जेठालाल जरीवाला था लेकिन वो दुनिया भर में संजीव कुमार के नाम से मशहूर हुए। वही उनके चाहने वाले उन्हें हीराभाई कहकर भी पुकारते थे। बता दे संजीव कुमार का जन्म 19 जुलाई 1938 को सूरत के गुजराती ब्राह्मण परिवार में हुआ।
बड़े होने के बाद संजीव कुमार ने अपने करियर की शुरुआत इप्टा के स्टेज से की थी। ख़ास बात ये है कि, इंडस्ट्री में कदम रखने से पहले ही संजीव कुमार काफी पॉपुलर हो चुके थे और वह कई थियेटर्स के लिए पहचाने जाने लगे थे। इतना ही नहीं बल्कि फिल्मों में काम करने से पहले ही संजीव कुमार के पास सेक्रेटरी भी हुआ करता था।
इसी बीच संजीव कुमार ने साल 1960 में रिलीज हुई फिल्म ‘हम हिंदुस्तानी’ से बतौर एक्टर अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने ‘नमकीन’, ‘अंगूर’, ‘आंधी’, ‘दस्तक’, ‘कोशिश’, ‘आशीर्वाद’, ‘नया दिन नई रात’, ‘पति पत्नी और वो’ जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया। उन्होंने करीब 25 साल तक बॉलीवुड इंडस्ट्री में राज किया और उनके निधन के बाद भी करीब 10 फिल्में रिलीज हुई। संजीव कुमार को असली पहचान फिल्म ‘शोले’ में ठाकुर के किरदार से मिली थी।
ऐसी रही संजीव कुमार की लव लाइफ
बात की जाए संजीव कुमार की पर्सनल लाइफ के बारे में तो वह जानी-मानी एक्ट्रेस हेमा मालिनी को दिल दे बैठे थे। लेकिन हेमा मालिनी ने उनके प्रपोजल को ठुकरा दिया। इसके बाद संजीव कुमार का दिल जानी मानी एक्ट्रेस सुलक्षणा पंडित पर आया। लेकिन उन्होंने भी संजय कुमार का दिल तोड़ते हुए इस प्रपोजल को ठुकरा दिया।
कहा जाता है कि इसके बाद संजीव कुमार काफी टूट गए थे और उन्होंने अपनी जिंदगी में फिर प्यार को ज्यादा तवज्जो नहीं दी। यही वजह है कि वह अपनी पूरी जिंदगी कुंवारे रहे और से 47 की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह गए।
कहा तो ये भी जाता है कि संजीव कुमार को अपनी मौत का एहसास पहले ही हो गया था। दरअसल, संजीव कुमार के मुताबिक उनके परिवार के ज्यादातर पुरुषों की मौत युवावस्था में हो गई थी। ऐसे में संजीव कुमार को भी यही डर था कि वह भी 50 की उम्र से पहले ही दुनिया छोड़ देंगे और अंत में उनका शक सही निकला। 6 नवंबर 1985 को 47 साल की उम्र में हार्ट अटैक की वजह से उनका निधन हो गया।