धार्मिक

इस राशि के लोग भूलकर भी ना लगाएं लाल टीका, लाभ की जगह होगा नुकसान

भारतीय संस्कृति में जब भी कोई धार्मिक कार्य होता है तो सबसे पहले माथे पर तिलक लगाया जाता है। हिंदू धर्म में तिलक को काफी महत्व दिया गया है। पूजा पाठ के दौरान देवी देवताओं के साथ-साथ भक्तों को भी तिलक लगाया जाता है। इस तिलक के ढेर सारे फायदे भी होते हैं। इससे मन शांत और स्थिर रहता है। शरीर में पॉजिटिव एनर्जी आती है। आपके सोच विचार शुद्ध रहते हैं।

यह तिलक भी कई प्रकार के होते हैं। गोपीचंदन, सिंदूर, रोली, चंदन और भस्म इत्यादि तिलक के प्रकार होते हैं। सिंदूर का तिलक लाल रंग का होता है। बहुत कम लोग यह बात जानते हैं कि लाल रंग का टीका हर किसी को नहीं लगाना चाहिए। इसे लगाने से आपको लाभ की बजाय हानि हो सकती है। यह लाल रंग का टीका हर किसी के लिए शुभ नहीं माना जाता है।

इन लोगों को नहीं लगाना चाहिए लाल रंग का टीका

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों की चाल का हमारे जीवन पर बहुत गहरा असर पड़ता है। जब भी यह अपनी चाल बदलते हैं तो इसका अच्छा या बुरा असर हमारे ऊपर होता है। इतना ही नहीं इन ग्रहों से जुड़े रंगों का भी हमसे गहरा नाता होता है। जैसे ग्रहों के सेनापति कहलाने वाले मंगल को लाल रंग सबसे प्रिय होता है।

लाल रंग सभी रंगों में सबसे शक्तिशाली रंग माना जाता है। यह उत्तेजना और गुस्से का प्रतीक होता है। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो मेष और वृश्चिक राशि के जातकों को विशेष स्थिति में लाल रंग का टीका नहीं लगाना चाहिए। दरअसल मंगल ग्रह मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी होता है।

अब इस लिहाज से तो इनके लिए लाल रंग शुभ माना जाता है। हालांकि इनकी कुंडली में मंगल नीच का या अशुभ होने पर यह लाल रंग फायदे की जगह नुकसान कर जाता है। इस स्थिति में मेष वृषभ राशि के जातकों को लाल रंग का टीका लगाने से बचना चाहिए।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मकर और कुंभ राशि के जातकों को भी लाल रंग का टीका लगाने से परहेज करना चाहिए। इसकी वजह यह है कि इन दोनों राशियों का स्वामी शनि ग्रह है। मंगल और शनि एक दूसरे के दुश्मन माने जाते हैं। सनी को काला रंग प्रिय होता है जबकि मंगल को लाल रंग।

इसलिए जब मकर और कुंभ राशि के लोग लाल रंग का टीका लगाते हैं तो शनिदव नाराज हो जाते हैं। इन राशि के लोगों को लाल रंग के कपड़े पहने से भी बचना चाहिए। यदि गए इस बात का ध्यान नहीं रखते तो सनी के क्रोध का कारण बनते हैं।

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