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सड़क हादसे में 7 बहनों ने खोए माता-पिता और एकलौता भाई, मदद के लिए लोगों ने जुटाए 1.47 करोड़

औलाद के लिए माता-पिता का होना ही इस दुनिया में सबसे बड़ा सुख होता है। जिस बच्चे के माता-पिता बहुत ही छोटी उम्र में गुजर जाते हैं उस बच्चे को हर कदम पर संघर्ष का सामना करना पड़ता है। दुनिया में ऐसे कई बच्चे हैं जिन्होंने बहुत ही छोटी उम्र में अपने माता पिता को खो दिया, ऐसे में इन बच्चों ने कई मुश्किलों का सामना किया। हालांकि कई बच्चे ऐसे हैं जिन्हें परिवार के अन्य सदस्यों ने संभाल लिया।

इसी बीच एक मामला बड़ी तेजी से सुर्ख़ियों में है जहां पर 4 दिन पहले ही सड़क हादसे में सात बहने अपने माता-पिता को खो चुकी। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि इस गरीब परिवार के लिए समाज आगे आया और केवल 4 दिन में 1.47 करोड रुपए की मदद की। आइए जानते हैं इस दिलचस्प मामले के बारे में..

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गांववालों ने पेश की मिशाल
दरअसल, यह मामला राजस्थान के बाड़मेर जिले के गुडामालानी के मालपुरा गांव का जहां पर एक हादसे में 7 बेटियों ने अपने माता पिता के साथ एकलौते भाई को खो दिया. इस हादसे में बेटे को भी चोट आई थी जिसके चलते उसका जोधपुर के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। लेकिन इलाज के दौरान बेटे की भी मौत हो गई। जब लोगों को यह बात मालूम हुई कि बच्चियों के माता-पिता इस दुनिया में नहीं बचे हैं तो समाज आगे आया और 4 दिन में 1.47 करोड रुपए की मदद की।

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लोगों ने कहा है कि, हम बच्चों को उनके माता-पिता नहीं लौटा सकते हैं लेकिन उनके लिए आर्थिक मदद का हाथ बांटते हैं। और फिर देखते ही देखते हैं बेटियों के खाते में 1.47 करोड रुपए जमा हो गए। बता दे इस परिवार की सबसे बड़ी बेटी 11वीं कक्षा में पढ़ती है जबकि बाकी 6 लड़कियां अलग-अलग कक्षाओं में पढ़ाई कर रही है। बच्चों की दादी अभी जिन्दा है लेकिन बहुत बुजुर्ग है, वह अपने जवान बहू-बेटे को खो देने के दुःख से खुद को संभाल नहीं पा रही है।

ऐसे हुआ हादसा

दरअसल,13 नंवबर को खेताराम अपनी पत्नी कोकू देवी, चार साल के बेटे जसराज के साथ सिणधरी के पास के गांव में जा रहे थे। यहां पर खेताराम अपनी बड़ी बेटी का रिश्ता देखने के लिए आए थे। जब वे सभी लोग सिणधरी कस्बे में उतरकर बस स्टैंड की ओर जा रहे थे तभी एक बोलेरो ने टक्कर मार दी जिसमें पति पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई, वहीं बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया। बेटे को आनन फानन में अस्पताल ले जाया गया लेकिन इलाज के दौरान उसने भी दम तोड़ दिया।

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बता दें, मृतक खेताराम भील के घर मालपुरा गांव में भी जिला कलेक्टर लोकबंधु भी पहुंचे जिन्होंने राज्य सरकार की ओर से मदद की बात कही। इसके अलावा भाजपा प्रदेश संगठन मंत्री के के. विश्नोई समेत राजस्थान के विभिन्न संगठनों, व्यक्तियों व विश्नोई समाज की ओर से उन्होंने परिजनों को करीब 14 लाख रुपए राशि भेंट की।

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