शहर छोड़कर जा रहे थे लड़के, कामवाली बाई ने लड़कों को दिया अनोखा फेयरवेल, Video देख रो पड़ोगे
पढ़ाई और जॉब के लिए हमें अक्सर घर से दूर अनजान शहर जाना पड़ता है। इस नए शहर में कई बार हमे कुछ अच्छे लोग मिल जाते हैं जो हमारा नया परिवार बन जाता है। फिर जब हम वह शहर छोड़कर जाते हैं तो इन लोगों से बिछड़ने का बड़ा दुख भी होता है। नए शहर में लड़कों को अक्सर कामकाज और खाना बनाने के लिए एक कामवाली बाई की जरूरत पड़ती है।
कामवाली बाई ने लड़कों को दिया फेयरवेल
इस दौरान बाई और लड़कों का एक इमोशनल अटैचमेंट भी हो जाता है। यह कामवाली बाई हमारी बड़ी बहन या मां की तरह हमारी जरूरतों का ख्याल रखती है। ऐसे में जब हम शहर छोड़कर जाते हैं तो लाइफ में इनकी कमी भी अखरती है। हाल ही में एक कामवाली बाई ने रूम छोड़कर जाने वाले लड़कों को एक ऐसा फेयरवेल दिया कि उसे देख हर कोई भावुक हो गया।
कामवाली बाई ने लड़को को शहर छोड़कर जाने से पहले अपने घर खाने पर इनवाइट किया। इस दौरान मेड के पूरे परिवार ने लड़कों का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्हें स्वादिष्ट भोजन करवाया। उनके लिए ढेर सारे पारंपरिक व्यंजन बनाए। उनका तिलक और टोपी से स्वागत किया। इस प्यारे लम्हे को लड़कों ने अपने मोबाईल में कैद कर लिया जो अब सोशल मीडिया पर बड़ा वायरल हो रहा है।
घर बुलाकर किया अद्भुत स्वागत
अनीश भगत (Anish Bhagat) ने यह वीडियो अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर साझा किया है। साथ में कैप्शन में अपनी मेड रेशमा दीदी के नाम एक प्यारा सा नोट भी लिखा जो इस प्रकार है – मैं बता नहीं सकता कितना भावुक हो गया हूं। रेशमा दीदी मेरी बेस्ट फ्रेंड हैं। मैं शहर छोड़कर जाने से बेहद दुखी हूं क्योंकि मुझे उन्हें रोज देखने की आदत है। और अब उनके इस स्वागत ने हमारा उनसे दूर होना और भी दुखद बना दिया है। उन्होंने हमेशा हमारी केयर की।
अनीश ने आगे लिखा- रेशमा दीदी ने हमे अपने घर में बुलाकर जिस तरह हमारा स्वागत किया वह अद्भुत था। उन्होंने हमे स्पेशल महसूस करवाने के लिए जो मेहनत और प्रयास किए वह सच में अतुलनीय था। मैं दुखी हूं कि अब उन्हें रोज नहीं देख सकूंगा। हालांकि ये अंत नहीं बल्कि नई शुरुआत है। रेशमा दीदी हमेशा मेरे और आपके साथ रहेगी। मैं कृतज्ञता से भर गया हूं।
यहां देखें भावुक कर देने वाला वीडियो
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एक कामवाली बाई का इन लड़कों का ऐसा स्वागत देख लोग भी बड़े हैरान और खुश हुए। उन्होंने कहा कि गरीब का दिल सच में सबसे बड़ा होता है। जहां मकान मालिक अमीर होने पर भी ऐसा कुछ नहीं करता वहीं इस गरीब कामवाली ने बच्चों के फेयरवेल को सच में अद्भुत और यादगार बना दिया।