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4 बुड्ढों से चक्कर चला रही थी जवान चायवाली, 5वें बुड्ढे की एंट्री से मची खलबली, हो गया बड़ा कांड

प्रेम कहानियां आप ने कई सुनी होगी। लेकिन आज जो अजब गजब लव स्टोरी हम आपको सुनने जा रहे हैं वह आप ने किसी फिल्म में भी नहीं देखी होगी। मामला बिहार के नालंदा का है। इस प्रेम कहानी में प्रेमिका एक 30 साल की विधवा चायवाली है। वहीं प्रेमी 4 बुजुर्ग हैं। इन पांचों की प्रेम कहानी बढ़िया चल रही थी। लेकिन तभी 5वें बुजुर्ग की एंट्री हुई और कांड हो गया।

ऐसे शुरू हुई 1 विधवा और 5 बुजुर्गों की प्रेम कहानी

30 वर्षीय पीनो देवी की एक चाय की दुकान है। इस दुकान पर 4 बुजुर्गों बरबीघा थाना के कुतुबचक निवासी 75 वर्षीय कृष्णनंदन प्रसाद, अस्थावां गांव निवासी 60 वर्षीय सूर्यमणि कुमार, अकबरपुर गांव निवासी बनारस प्रसाद उर्फ लोहा सिंह और मानपुर थाना के छबीलापुर गांव निवासी वासुदेव पासवान अक्सर आते रहते थे।

विधवा चायवाली और इन 4 बुजुर्गों की अक्सर लंबी बैठक होती थी। हंसी मजाक और प्यार का माहौल रहता था। फिर एक दिन 75 वर्षीय तृपित शर्मा ने इन्हें देख लिया। बीवी के मरने के बाद वह भी सिंगल थे। उन्होंने भी सोचा कि क्यों ना इस चायवाली संग अपने जीवन के खालीपन को भरा जाए। तो वह भी चायवाली से बतियाने लगे। हालांकि बाकी 4 बुजुर्गों को ये बात खलने लगी।

5वें प्रेमी की एंट्री से भड़के 4 प्रेमी

जब से चायवाली की लाइफ में तृपित शर्मा की एंट्री हुई तो वह बाकी 4 बुजुर्गों पर कम ध्यान देने लगी। इस बीच तृपित ने चायवाली को प्रपोज भी कर दिया। अब उनका चायवली के घर भी आना जाना शुरू हो गया। इस बीच 4 बुजुर्ग नाराज हुए और चायवाली से कहा कि हम पांचों की लव स्टोरी में इस 6वें का कोई काम नहीं। चायवाली इन दीवानों की बातों में आ गई और कहा कि फिर तुम ही उससे निपटों।

19 अक्टूबर को तृपित शर्मा के पास चायवाली का फोन आया। उसने बुजुर्ग को मिलने एक सुनसान इलाके में बुलाया। तृपित के मन में लड्डू फूटने लगे और वह खुशी-खुशी वहां पहुंच गए। लेकिन चायवली के प्रेमी चारों बुजुर्ग वहां पहले से मौजूद थे। उनकी तृपित से बहुत बहसबाजी हुई। कोई चायवाली को छोड़ने को रेडी नहीं हुआ। इस बीच किसी ने तृपित के सिर पर ईंट दे मारी। वह वहां ऐसे गिरे कि फिर कभी नहीं उठे।

5वें प्रेमी को मारकर टंकी में फेंका शव

अब चायवली और बुजुर्गों ने ईंट से तृपित का चेहरा कुचल दिया ताकि कोई इनकी पहचान नहीं कर पाए। फिर शव को अस्थावां के पालीटेक्निक कालेज के निकट बन रहे एक घर की पानी टंकी में फेंक दिया। दूसरी तरफ तृपित शर्मा परिजनों ने उनके घर ना लौटने पर पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवा दी। फिर पुलिस को 21 अक्टूबर को पानी टंकी से तृपित का शव मिला।

पुलिस के लिए यह एक ब्लाइन्ड केस था। बेटे मिट्ठू कुमार ने बताया कि पापा का किसी से कोई ई झगड़ा नहीं था। वह किसी आपराधिक मामले में भी कभी शामिल नहीं रहे। ऐसे में पुलिस ने छानबीन शुरू की तो बार-बार शक की सुई पालीटेक्निक कालेज के निकट चाय बेचने वाली पर गई। हालांकि बिना सबूत वह एक विधवा महिला का कुछ नहीं बिगाड़ सकते थे। उन्हें ये पता चला था कि मृतक का इस चायवली के पास आना जाना रहता था।

ऐसे पकड़े गए आरोपी

तृपित शर्मा का मोबाइल भी गायब था। वह स्विच ऑफ आ रहा था। फिर भी पुलिस ने उनके नंबर को सर्विलांस पर डाल दिया। करीब एक माह बीत गया। चायवली और 4 बुजुर्गों को लगा अब केस बंद है। कोई हमे पकड़ नहीं पाएगा। फिर चायवाली ने तृपित का मोबाइल ऑन कर दिया। उसकी ये गलती महंगी पड़ गई। पुलिस ने तुरंत मोबाइल की लोकेशन ट्रेस कर ली और चायवाली को दबोच लिया।

सख्ती से पूछताछ करने पर चायवाली टूट गई और उसने बुजुर्ग प्रेमी के कत्ल की सारी दास्तान उगल दी। सदर डीएसपी डा. शिब्ली नोमानी ने इस पूरे मामले में बताया कि हमारी टीम ने काफी अच्छा काम किया है। हमने सभी पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने 9 अक्टूबर को तृपित शर्मा की हत्या की बात कबूल ली है। यह इस तरह का पहला मामला है।

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