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चाणक्य नीति अनुसार, ये 6 लोग कभी दूसरों का नहीं समझ सकते दुख, इनसे रहें सावधान

आप सभी लोगों ने चाणक्य के बारे में तो सुना ही होगा। ऐसा कहा जाता है कि आचार्य चाणक्य जितना विद्वान कोई भी व्यक्ति नहीं हुआ है। आज से हजारों साल पहले जन्मे आचार्य चाणक्य अपने समय के महान विद्वान हुआ करते थे।आचार्य चाणक्य ने ऐसी बहुत सी बातें कहीं हैं, जिनका आज के समय में भी उतना ही महत्व है, जितना उस समय के दौरान था। आचार्य चाणक्य को कई विषयों का ज्ञान था। आचार्य चाणक्य के बारे में कहा जाता है कि उन्हीं की वजह से चंद्रगुप्त मौर्य को राजगद्दी मिली थी। इसके बाद चाणक्य उनके मंत्री बने।

आचार्य चाणक्य की ही शिक्षा की वजह से चंद्रगुप्त सही तरीके से शासन चलाने में सफल रहे। आचार्य चाणक्य को कूटनीति, राजनीति और अर्थशास्त्र का ज्ञाता माना जाता है। उन्होंने “चाणक्य नीति” नामक पुस्तक लिखी है, जिसमें मनुष्य के जीवन से जुड़ी हुई बहुत सी बातों का जिक्र किया गया है। आजकल के समय में भी कई परेशान लोग उनकी नीतियों को पढ़कर अपने जीवन को सफल बना रहे हैं।

आचार्य चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में उन सभी बातों और नीतियों का उल्लेख किया है, जिसके आधार पर मनुष्य अपने जीवन को सफल बना सकता है। आचार्य चाणक्य के अनुसार, 6 तरह के लोग कभी दूसरे का दर्द और दुख नहीं समझ सकते। उन्हें जो करना होता है वह करके रहते हैं। तो चलिए जानते हैं यह कौन-कौन हैं।

शासन-प्रशासन के लोग

आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में इस बात का उल्लेख किया है कि राजा यानी शासन प्रशासन के लोग किसी के दुख और भावनाओं को नहीं समझते हैं। वह कड़क होकर नियम और सत्य के आधार पर निर्णय करते हैं।

वेश्या

आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में वेश्या का भी जिक्र किया है। उन्होंने वेश्या का जिक्र करते हुए यह बताया है कि वेश्या सिर्फ अपने काम से और पैसों से मतलब रखती हैं, उसे किसी दूसरे के दुख या फिर दर्द से कोई भी मतलब नहीं होता है। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कभी भी इनके चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए, क्योंकि यह आपकी दुख तकलीफ कभी भी नहीं समझ सकती हैं।

यमराज

आचार्य चाणक्य अनुसार यमराज का लोगों की भावनाओं से कोई भी संबंध नहीं होता है। जब किसी व्यक्ति का समय आता है, तो उसे यमराज किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ते हैं। यमराज को किसी के दुख दर्द से कोई भी मतलब नहीं होता है। अगर यमराज पीड़ा को समझेंगे, तो किसी भी प्राणी की मृत्यु हुई नहीं होगी।

चोर

आचार्य चाणक्य का ऐसा कहना है कि चोर किसी की भी पीड़ा नहीं समझते हैं। चोर का हमेशा एक ही लक्ष्य होता है वह है चोरी करना। बस चोर सिर्फ चोरी के अलावा और कुछ नहीं जानते हैं। सामने वाले के साथ क्या परेशानी है? यह कभी भी चोर नहीं समझते हैं और ना ही सामने वाली कि किसी भी बड़ी परेशानी से उनको मतलब होता है। बस उनका लक्ष्य चोरी करना है।

बच्चे

आचार्य चाणक्य अनुसार बच्चों को दूसरों के दुख और दर्द से कोई भी मतलब नहीं होता है। छोटे बच्चों का बुद्धि का विकास नहीं हुआ होता है और वह दुख व भावनाओं से काफी दूर होते हैं।

याचक

आचार्य चाणक्य यहां पर याचक यानि भीख मांगने वाले के बारे में बात कर रहे हैं। याचक को कभी भी दूसरों की दुख परेशानी समझ नहीं आती है। उनको तो सिर्फ अपनी जरूरत को पूरा करना है, यही समझते हैं। सामने वाला किस दुख परेशानी में है? इस बात से उनको कोई भी मतलब नहीं होता है।

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