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पति-बेटे देते थे दुख, मंदिर में दान कर दी 1 करोड़ की संपत्ति, अंतिम संस्कार का अधिकार भी छीना

हमे बचपन से सिखाया जाता है कि दान धर्म करना अच्छी बात होती है। इससे भगवान प्रसन्न होते हैं। हमे अगले जन्म में कई सुख मिलते हैं। ऐसे में लोग मंदिरों में अक्सर दान करते रहते हैं। हालांकि वह अपनी कमाई और संपत्ति का एक बेहद छोटा सा हिस्सा ही दान करते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी महिला से मिलाने जा रहे हैं जिसने अपनी सम्पूर्ण संपत्ति मंदिर को दान कर दी। इस संपत्ति की किमत करीब 1 करोड़ रुपए है। लेकिन जब आप इसके पीछे की वजह जानेंगे तो आपको और भी दुख होगा।

परिवार से दुखी थी महिला, दान कर दी 1 करोड़ की संपत्ति

यह अनोखा मामला मध्यप्रदेश के श्योपुर का है। यहां शिव कुमारी जादौन नाम की महिला रहती हैं। वह विजयपुर क्षेत्र के खितरपाल गांव के सरकारी स्कूल में टीचर हैं। महिला के परिवार में एक पति और दो बेटे हैं। हालांकि वह इन सभी से बड़ी दुखी रहती हैं। उन्हें अपने पति का व्यवहार बिल्कुल पसंद नहीं है। वह उनके साथ अच्छे से पेश नहीं आते हैं। वहीं दोनों बेटों का व्यवहार भी गड़बड़ है। उनका एक बेटा तो कई तरह के क्राइम भी कर चुका है।

महिला अपने परिवार से इतनी दुखी है कि वह अपने मरने के बाद पति या बेटों से अपना अंतिम संस्कार भी नहीं करवाना चाहती है। इसके लिए उसने एक मंदिर के ट्रस्ट से विनती की है। इसी हनुमान मंदिर में महिला ने अपनी करीब एक करोड़ रुपए की संपत्ति भी दान की है। महिला ने एक वसीयत लिखी है। इसमें उन्होंने बातया है कि उनके मरने के बाद उनकी सभी संपत्ति को मंदिर में दान कर दिया जाए।

अंतिम संस्कार का अधिकार भी परिवार से छीना

महिला की वसीयत के अनुसार उनके मरने के बाद प्रॉपर्टी, मकान और बैंक बैलेंस, जीवन बीमा पॉलिसी, सोना चांदी के गहने और उनकी सभी चल-अचल संपत्ति छिमछिमा हनुमान मंदिर ट्रस्ट को डोनेट कर दी जाए। इतना ही नहीं महिला ने ये भी लिखा कि उनके मरने के बाद उनका अंतिम संस्कार परिवार के लोग नहीं बल्कि मंदिर के ट्रस्ट वाले करे। महिला की यह अनोखी वसीयत हर किसी को हैरान कर रही है।

महिला के दोनों बेटे उसके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते। लेकिन फिर भी ममता दिखाते हुए महिला ने उन्हें उनके हिस्से की संपत्ति दे दी है। वह तो जो संपत्ति महिला के हिस्से आई है, वह उसे दान कर रही है। महिला का कहना है कि वह बचपन से ही भगवान की पूजा पाठ में एक्टिव रही हैं। उनकी ईश्वर को लेकर आस्था बहुत मजबूत है। बस यही वजह है कि उन्होंने अपनी सभी री संपत्ति हनुमान मंदिर में दान करने का निर्णय लिया है।

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