लड़का-लड़की भागकर शादी करें तो पेरेंट्स उनकी मैरिड लाइफ में दखल दे सकते हैं? जाने कोर्ट क्या कहता है

जब भारत में कोई लव मैरिज करता है तो अधिकतर यही देखा जाता है कि कपल के पेरेंट्स उनसे खुश नहीं रहते हैं। जहां एक तरफ कुछ लोग इस लव मैरज को धीरे धीरे स्वीकार कर लेते हैं तो वहीं कुछ शादी के बाद भी उनके जीवन में दखल देते रहते हैं।
मसलन एक लड़का लड़की ने अपनी मर्जी से शादी कर ली। अब उनके घर वाले इस शादी से खुश नहीं है। ऐसे में लड़का लड़की कहीं और जाकर रहने लग गए। ऐसे में यदि माता पिता वहां जाकर भी उन्हें तंग करते हैं या शादी तुड़वाने की कोशिश करते हैं तो क्या ये कानूनी रूप से सही होता है? इसका जवाब है नहीं।
दरअसल हाल ही में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने घर से भागकर शादी करने वाले बालिग जोड़े पर अपना फैसला सुनाया है। उन्होंने इस जोड़े को उत्पीड़न से सुरक्षा देने का निर्देश भी दिया है। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि ‘यदि लड़का और लड़की दोनों बालिग हैं और खुद की मर्जी से साथ रह रहे हैं तो इसमें माता पिता को उनकी शादीशुदा जिंदगी में दखल देने का कोई हक नहीं है।‘
बताते चलें कि यह आदेश डाक्टर के जे ठाकर ने दिया है। उनका यह निर्णय कानपुर नगर की प्रिया वर्मा एवं अन्य की याचिका पर आया। बताया जा रहा है कि जोड़े के ऊपर जब एफआईआर दर्ज की गई थी तब दोनों नाबालिग थे। हालांकि कोर्ट ने साफ कर दिया है कि वर्तमान ने दोनों ही बालिग है, ऐसे में एफआईआर का इनके वैवाहिक जीवन में कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए। कोर्ट ने ये भी कहा कि 2018 में पॉस्को एक्ट अंतर्गत जो मुकदमा दायर किया गया था उसका निर्णय कानूनी प्रक्रिया के अंतर्गत लिया जाएगा।
वहीं कोर्ट ने याचियों को ये भी सलाह दी कि यदि कोई उन्हें परेशान करे तो वे पुलिस से सुरक्षा मांग सकते हैं। इस मामले में यदि परिवार वालों को शक है कि ये आदेश फर्जी दस्तावेज से लिया गया है तो वे पुनः आदेश की वापसी की अर्जी भी दे सकते हैं।
इस मामले से यह साफ हो जाता है कि यदि कोई बालिग लड़का और लड़की अपनी मर्जी से शादी कर साथ रह रहे हैं तो उनकी मैरिड लाइफ में दखल देने का हक परिवार के लोगों को नहीं होता है। इसलिए यदि कोई आपको परेशान भी कर रहा है तो आप उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं।