‘मौत मुबारक हो मीना..’ जब मीना कुमारी की मौत की खबर सुन खुश हुई थीं नरगिस दत्त, जानें वजह?

हिंदी सिनेमा की ‘ट्रेजडी क्वीन’ कही जाने वाली पॉपुलर अभिनेत्री मीना कुमारी अपनी शानदार एक्टिंग के लिए मशहूर थी। मीना कुमारी की एक झलक देखने के लिए फैंस मर मिटते थे। बड़े-बड़े एक्टर डायरेक्टर उनके साथ काम करने के लिए तरसते थे। बता दें, मीना कुमारी ने बहुत ही छोटी सी उम्र में एक्टिंग करना शुरू कर दिया था। इसके बाद वह ‘साहिब बीवी और गुलाम’, ‘दिल अपना प्रीत पराई’, ‘बैजू बावरा’, ‘पाकीजा’ और ‘मेरे अपने’ जैसे सुपरहिट फिल्मों में काम कर दर्शकों की चहेती बनी।
जितने कम समय में मीना कुमारी ने शोहरत हासिल की थी, उतनी ही ज्यादा वह अपनी जिंदगी में दुख तकलीफों में रही। जब मीना कुमारी का देहांत हुआ तो मशहूर एक्ट्रेस नरगिस ने खुशी जताई थी। तो आइए जानते हैं मीना कुमारी और नरगिस दत्त से जुड़ा यह दिलचस्प किस्सा क्या है?
कमाल अमरोही से की थी सीक्रेट शादी
बता दें, मीना कुमारी केवल 9 साल की थी तब उन्होंने एक्टिंग करना शुरू कर दिया था। इसके बाद वह कई सुपरहिट फिल्मों में काम करने लगी। इसी बीच जब मीना कुमारी 18 साल की हुई तब उन्होंने 34 साल के कमाल अमरोही के साथ शादी रचा ली। लेकिन इन दोनों की शादी सीक्रेट तरीके से थी।
ऐसे में जब घरवालों को मीना कुमारी की सीक्रेट शादी के बारे में पता चला तो काफी हंगामा हुआ। इतना ही नहीं बल्कि मीना कुमारी को घर से बाहर कर दिया गया जिसके बाद वह कमाल अमरोही के साथ रहने लगी। जैसे ही मीना कुमारी ने कमाल अमरोही के साथ रहना शुरू किया तो उन पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई।
कमाल की पाबंदियों से परेशान थीं मीना कुमारी
रिपोर्ट की मानें तो कमाल अमरोही नहीं चाहते थे कि मीना कुमारी किसी और शख्स के साथ काम करें, ना ही वह फिल्मों में उन्हें काम करने देते थे। ऐसे में एक्ट्रेस दुखी होने लगी थी। धीरे-धीरे कमाल अमरोही की पाबंदियां बढ़ती ही जा रही थी। हद तो तब हो गई जब एक्ट्रेस पर 6:30 बजे से पहले घर आने की पाबंदी लगा दी गई। इतना ही नहीं बल्कि उनके मेकअप रूम में किसी गैर मर्द को जाने की भी अनुमति नहीं थी।
इस तरह की कई पाबंदियों से मीना कुमारी परेशान हो गई थी। धीरे-धीरे उन्होंने शराब और नशे का सहारा लेना शुरू कर दिया। कहते हैं कि इसी बीच मीना कुमारी मशहूर एक्टर धर्मेंद्र को भी चाहने लगी थी, लेकिन धर्मेंद्र ने भी उन्हें छोड़ दिया तो वह बुरी तरह से शराब की आदी हो गई और उनकी जिंदगी मौत की तरफ बढ़ने लगी। इसी बीच मीना कुमारी को लीवर सिरोसिस की बीमारी हो गई जिसके बाद उनका 31 मार्च 1972 को देहांत हो गया।
मीना की मौत से नरगिस हुई थी खुश
इस दौरान नरगिस दत्त मीना कुमारी की बहुत अच्छी दोस्त हुआ करती थी. मीना कुमारी के दुख दर्द और तकलीफों से नरगिस दत्त बखूबी वाकिफ थी। नरगिस बिल्कुल भी मीना कुमारी को इस तरह की तकलीफ में नहीं देखना चाहती थी और उन्होंने कई कोशिश की कि वह शराब आदि का नशा छोड़ दे, लेकिन मीना कुमारी इससे बाहर निकलने में नाकामयाब रही।
इतना ही नहीं बल्कि नरगिस दत्त यह भी देख चुकी थी कि कमाल अमरोही मीना कुमारी को मारते पीटते थे। ऐसे में जब अचानक मीना कुमारी का देहांत हुआ तो नरगिस दत्त ने कहा था कि “मुबारक हो मीना, अब कभी मत आना..” नरगिस दत्त का कहना था कि मीना को दुनिया से चले जाने के बाद ही शांति मिली। मीना कुमारी की मौत से वह खुश थी क्योंकि वह इस तरह से उन्हें तकलीफ में नहीं देख सकती थी।