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काल बनकर आई शादी, श्मशान में लगी अर्थियों की लाइन, एक चिता ठंडी नहीं होती दूसरी जल जाती

शादी खुशियों का पल होता है। लेकिन क्या होगा जब शहननियों की गूंज मातम की चीख पुकार में तब्दील हो जाए। ऐसा ही कुछ 8 दिसंबर को जोधपुर में हुई शादी में हुआ। यहाँ बरातियों के रवाना होने से पहले एक के बाद एक 5 सिलेंडर फट गए। इस हादसे में अब तक 22 लोग की जान जा चुकी है। वहीं कई अस्पताल में गंभीर हालत में एडमिट हैं।

शादी में फटा था सिलेंडर

दिल दहला देने वाला ये नजारा  जोधपुर ग्रामीण इलाके में स्थित शेरगढ़ थाना इलाके में भूंगरा गांव में देखने को मिला। यहां सगत सिंह गोगादेव के पुत्र सुरेंद्र सिंह की बारात 8 दिसंबर को जानी थी। महिलाएं नेकचार और रस्म करने में लगी थी। तभी अचानक से एक गैस सिलेंडर फट गया। फिर दूसरा सिलेंडर भी धमाके के साथ फटा। वहीं पास रखे दो और सिलेंडरों ने भी आग पकड़ ली। देखते ही देखते कई लोग इस आग की चपटों में आ गए।

आग में जलती इस बारात को देख ग्रामीण दौड़ते हुए आए और आग बुझाने की कोशिश करने लगे। फिर पुलिस और फायर ब्रिगेड भी मौके पर आई। वहीं एंबुलेंस बुलवाकर घायलों को तुरंत अस्पताल भेजा गया। इन मरीजों की देखभाल में जोधपुर जिले के तमाम सीनियर डॉक्टर लग गए। अधिकतर लोग 40 से 70 फीसदी झुलसे जबकि 10 लोग 90 फीसदी तक झुलस गए।

एक के बाद एक लग गई शवों की लाइन

इसके बाद एक-एक कर हादसे के शिकार लोगों की मौत होने लगी। सोमवार रात तक मौत का आकड़ा 18 था। लेकिन हाल ही में चार और लोगों की मौत हो गई। इसमें दूल्हे की मां और पिता (सगत सिंह) भी शामिल है। खुद दूल्हा सुरेन्द्र सिंह अभी गंभीर हालत में है। वह 65 फीसदी जला है। अभी तक दूल्हे के मां बाप के अलावा उसके दो ताउ, बहन और परिवार की चार महिलाओं भी अपनी जान गवा चुकी हैं। 22 लोगों की मौत के अलावा लगभग 30 लोग गंभीर हालत में हैं।

शेरगढ़ पुलिस की माने तो अभी भी हादसे में कई लोग घायल हैं। इसमें बच्चे और महिलाएं भी हैं। पुलिस ने बताया कि गुरुवार सुबह दूल्हे सुरेन्द्र सिंह के पिता सगत सिंह, पांच साल का आईदान सिंह, सुगन कंवर और दिलिप कुमार का निधन हो गया। शवों को मुर्दाघर पोस्टमार्टम के लिए रखा गया है। बाद में इन्हें परिजनों को सौंप दिया जाएगा।

मौत का ये सिलसिला इस कदर चल पड़ा है कि गांव के शमशान में लगभग हर घंटे एक ना एक लाश अंतिम संस्कार के लिए आ रही है। एक चिता ठंडी पूरी तरह ठंडी भी नहीं होती कि दूसरी चिता जलने लगती है।

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