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पोलियो ग्रस्त युवक की Love Story कर देगी भावुक, लड़कीवाले हीन भावना से देखते थे, फिर हुआ चमत्कार

प्यार क्या होता है? प्यार की हर किसी की अपनी एक परिभाषा होती है। इसलिए जब वह अपने लिए जीवनसाथी ढूंढता है तो अलग-अलग चीजों को प्राथमिकता देता है। किसी के लिए लुक मायने रखता है, किसी को पैसा प्यारा होता है तो कोई बस सामने वाले का दिल देखता है। आज हम आपको एक पोलियो ग्रस्त युवक की दिल छू लेने वाली लव स्टोरी बताने जा रहे हैं। इसे पढ़ने के बाद आपको सच्चे प्यार की असली परिभाषा पता चल जाएगी।

पोलियो की वजह से शादी में आई दिक्कत

पोलियो ग्रस्त युवक ने अपनी लव स्टोरी सुनाते हुए कहा – श्वेता शायद तीसरी लड़की थी जिससे मेरी मैट्रिमोनियल साइट पर मुलाकात हुई थी। जन्म से मैं पोलियो ग्रस्त हूं। शायद इसलिए शादी को लेकर मेरी बात नहीं बन रही थी। मुझे याद है एक बार मैं एक लड़की के घर शादी की बात करने गया था। उसके मां बाप मुझे पूरे टाइम हीन भावना से देखते रहे। फिर मैं दूसरी लड़की के घर गया। उसने मुझे सीधा मुंह पर बोल दिया कि तुम्हारे दोनों पैर ठीक नहीं है, इसलिए मैं तुमसे शादी नहीं कर सकती।

इस घटना के बाद मेरा दिल टूट सा गया। मुझे यकीन हो गया कि अब मुझे कोई जीवनसाथी नहीं मिलेगा। लेकिन फिर मेरी लाइफ में श्वेता की एंट्री हुई। मुझे ये जानकार अच्छा लगा कि वह निस्वार्थ भावना से गरीब बच्चों के लिए NGO चला रही है। हमारी पहली ही बातचीत में मुझे एहसास हो गया कि भगवान ने इसे मेरे लिए ही बनाया है। हमारा जैसे एक अलग कनेक्शन सा बन गया। वैसे वह भी पॉलियों से ग्रस्त है। बस अंतर इतना है कि मुझे चलने के लिए बैसाखी चाहिए होती है और उसे व्हील चेयर।

रब ने बड़ा दी जोड़ी

मुझे यकीन हो गया कि श्वेता के साथ मेरा कुछ हो सकता है। मैंने ये बात तुरंत अपने मां बाप को बताई। लेकिन मेरी मां इसके विरोध में थी। हालांकि कुछ तो बात थी श्वेता में। मुझे वह सच में पसंद आई। उसे भी मैं पसंद आया। हम करीब अगले दस महीने तक फोन पर बातचीत करते रहे। फिर हमने मिलने का निर्णय लिया। हम एक कैफै में लंच पर मिले। मैं बहुत नर्वस था। लेकिन जैसे ही हम मिले तो ऐसा लगा मानो सालों से एक दुसरें को जानते हैं। बातचीत-बातचीत में ही प्यार हो गया।

मेरे घरवाले अभी भी इस शादी के खिलाफ थे। इसलिए उन्होंने मुझ पर इस रिश्ते को तोड़ने का दबाव बनाया। इससे हम दोनों उदास हो गए। हमने करीब 3 महीने बात नहीं की। ये बहुत कठिन समय था। मैं हर पल उसी के बारे में सोचता था। उसका ख्याल दिमाग से जाता ही नहीं था। इसलिए 2020 में मैंने श्वेता को फिर से कॉल किया। पर इस बार उसने मुझ से बात करने से इनकार कर दिया। उसे लगा मैं एक बार फिर से शादी करने से मुकर जाऊंगा। लेकिन मैंने उसे विश्वास दिलाया।

बड़ी मुश्किलों के बाद हुई शादी

मैं अपनी मां के पास बैठा। उन्हें शांति से सबकुछ समझाया। कुछ सप्ताह तक उन्हें मनाता रहा। आखिर वह मान गई। मैंने मां से बस यही कहा कि “मैं श्वेता से प्यार करता हूं। हम दोनों साथ में खुश रहेंगे।” और आखिरकार साल 2021 में हमारी शादी हुई। यह एक सुंदर डेस्टिनेशन वेडिंग थी जो लोनावाला में हुई। श्वेता ने ऐसी शादी का सपना हमेशा से देखा था।

हमारी लाइफ अब एक दम परफेक्ट चल रही है। हम एक दूसरे के सुख दुख में साथ देते हैं। एक साल बाद हमारा एक बेटा अगस्त्य भी हुआ। यह एक अद्भुत एहसास था। मेरे पिता बनते ही चीजें अब और भी अच्छी हो गई। लेकिन क्या आप एक मजेदार चीज जानते हैं? श्वेता और मुझ में कुछ भी कॉमन नहीं है। उसे वह फिल्में पसंद नहीं आती जो मुझे आती है। हमारी खाने को लेकर चॉइस भी अलग है। लेकिन हमारा आत्माएं, वह हमेशा के लिए एक हो गई।

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