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हेलीकॉप्टर क्रैश के बाद भी जिंदा थे CDS बिपिन रावत, बचावकर्मी से बोले थे आखिरी शब्द..

बुरी तरह झुलसने के बाद भी जिंदा थे बिपिन रावत, जानें क्या थे आखिरी शब्द जो बचाव कर्मी से कहा था

देश के सबसे बड़े सैन्य अफसर और पहले CDS जनरल बिपिन रावत की बुधवार 8 दिसंबर को हेलीकॉप्टर क्रैश में मौत हो गई। इस दर्दनाक हादसे में बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत और अन्य 13 सेना के जवान की भी जान चली गई। इस दौरान बिपिन रावत और अन्य जवान दुनिया के सबसे बेहतरीन सैन्य हेलीकॉप्टर में से एक mi-17v5 में सवार थे।

बिपिन रावत की मौत से देशभर में शोक की लहर है और कोई भी इस बात पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं कि देश की दिग्गज हस्ती हमें इस तरह से छोड़ कर चली गई। बॉलीवुड से लेकर राजनीति तक देशभर में बिपिन रावत को श्रद्धांजलि दी जा रही है और हर किसी की आंखे नम है।

bipin rawat

इसी बीच खबर आई है कि तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर क्रैश के बाद CDS जनरल बिपिन रावत जिंदा थे। जी हां… अब सवाल ये पैदा होता है कि यदि जनरल बिपिन रावत जिंदा थे तो उन्हें बचाने की कोशिश क्यों नहीं की गई? दावा किया जा रहा है कि हेलीकॉप्टर क्रैश के बाद बिपिन रावत अपना नाम बताने में सक्षम थे। इस बात का खुलासा बचावदल में शामिल एक शख्स ने किया है।

कहा जा रहा है कि, ये शख्स सबसे पहले चॉपर के बिखरे पड़े मलबे के पास पहुंचा था। खुलासा करने वाले इस शख्स का नाम एनसी मुरली बताया जा रहा है।

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बचावकर्मी एनसी मुरली का कहना है कि, “हमने 2 लोगों को जिंदा बचाया जिनमें से एक सीडीएस बिपिन रावत थे, उन्होंने धीमी आवाज में अपना नाम बताया लेकिन अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। वहीं हम उस वक्त जिंदा बचाए गए दूसरे शख्स की पहचान नहीं कर सके। हालाँकि बाद में जिंदा बचाए गए दूसरे शख्स की पहचान गुरु कैप्टन सिंह के तौर पर की गई।”

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रिपोर्ट की मानें तो जनरल रावत के शरीर के निचले हिस्से बुरी तरह से जल गए थे, ऐसे में उन्हें एक बेडशीट से लपेटा गया उसके बाद एंबुलेंस में ले जाया गया। मुरली ने बताया कि हमने 2 लोगों को जिंदा बचाया था जिनमें से बिपिन रावत ने हिंदी में धीमे स्वर में भी बात की और अपना नाम बोला। वहीं दूसरे व्यक्ति को अस्पताल ले जाया गया और उसका अभी इलाज जारी है।

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इसके आगे मुरली ने बताया कि, हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ उस इलाके में बचाव कार्य में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा क्योंकि आग बुझाने के लिए दमकल वाहन को ले जाने के कोई रास्ते नहीं थे। ऐसे में पास की नदी और घरों से बर्तन में पानी लाना पड़ा। इस दौरान ऑपरेशन इतना कठिन था क्योंकि हमें लोगों का शव निकालने के लिए हेलीकॉप्टर के नुकीले टुकड़ों को अलग करना पड़ा।

बचाव कार्य के दौरान एक उखड़ा हुआ पेड़ भी पड़ा हुआ था जिसे काटना पड़ा, इसकी वजह से भी हमारे बचाव कार्य में देरी होती गई। हमने 12 शव बरामद किए जिसमें से 2 लोगों को जिंदा निकाला गया और दोनों ही गंभीर रूप से झुलसे हुए थे। यह भी कहा जा रहा है कि मलबे के बीच हथियार पड़े थे इसलिए बचावकर्मियों को सावधानी से ऑपरेशन करना पड़ा।

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कहा जा रहा है कि जिस जगह पर हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ वहां से करीब 100 मीटर की दूरी पर ही काटेरी गांव है। इसी गांव के एक शख्स ने वहां से प्लेन के गुजरने की आवाज सुनी थी, उसके बाद ही उन्हें जोरदार धमाके की आवाज सुनाई दी जिसके बाद उन्हें पता चला कि हेलीकॉप्टर क्रैश हो चुका है।

इसके बाद काटेरी गांव के रहने वाले लोगों ने ही जिले के अधिकारियों को खबर दी, जिसके बाद उस गांव की बिजली काट दी गई। इतना ही नहीं बल्कि इस गांव के लोगों ने घटनास्थल पर भी जाने की पूरी कोशिश की। हालांकि तब तक पुलिस का मलबा पहुंच चुका था और इन्हें मौके पर रोक दिया गया।

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बता दें, विपिन रावत का हेलीकॉप्टर बुधवार को पर्वती नीलगिरी जिले के पास कुन्नूर में दुर्घटनाग्रस्त हुआ। रिपोर्ट की माने तो विपिन रावत का हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना के सुलुर अड्डे से वेलिंगटन में डिफेंस सर्विस कॉलेज जा रहा था, लेकिन बीच में ही यह दुर्घटनाग्रस्त हो

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गया जिसमें सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समय 13 जवानों की जान चली गई। रिपोर्ट की मानें तो सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी का अंतिम संस्कार शुक्रवार को दिल्ली कैंट में किया जाएगा।

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