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आंदोलन की आड़ में आतंक का खेल, तथाकथित किसान बोला- इंदिरा ठोक दी, मोदी की छाती पे…’

दो दिनों से जारी किसान आंदोलन सियासी रंग लेने के बाद अब खालिस्तानी आतंक के साये में आ गया है. पंजाब-हरियाणा-दिल्ली की सीमाओं पर किसान भारी तादाद में केंद्र सरकार द्वारा बीते दिनों लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के संबंध में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

इसी बीच प्रदर्शन में कुछ खालिस्तानी आतंकियों के शामिल होने और उनकी भागीदारी भी देखने को मिली है. एक वायरल वीडियो में एक व्यक्ति पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और वर्तमान पीए मोदी का अपमान करता हुआ नज़र आ रहा है और उनके लिए आपत्तिजनक भाषा का उपयोग किया जा रहा है.

वायरल वीडियो में कुछ किसान नज़र आ रहे हैं और वे अपनी मांग न पूरी होने के बदले में पीएम मोदी को धमकी देते हुए देखें जा सकते हैं. उन्होंने कहा है कि उनकी समस्याओं का समाधान होना चाहिए और अगर ऐसा नहीं होता है तो सरकार को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. विरोध प्रदर्शन में से एक प्रदर्शनकारी कह रहा है कि सरकार ने 3 दिसंबर को जो मीटिंग रखी है, हम उसका इंतज़ार कर रहे हैं.

आगे वह कहता है कि हम 3 दिसंबर को होने वाली मीटिंग के इंतज़ार में हैं और हम तब तक यहीं ठहरे हुए हैं. अगर उस मीटिंग के बाद भी कोई हल न होता है तो हम बैरिकेड तो क्या हम तो इनको वैसे ही उठा देंगे. आगे शख़्स कहता है कि जो हमारे शहीद हुए हैं उधम सिंह कनाडा की धरती पर जाकर उनको ठोंक सकते हैं, गोरो को वहां जाकर ठोंक सकते हैं तो ये दिल्ली तो कुछ भी नहीं है. आगे वह धमकी देते हुए और विवादित भाषा का उपयोग करते हुए कहता है कि, ‘इंदिरा ठोंक दी, मोदी की छाती पे…’


तथाकथित किसान के इस वीडियो के वायरल होने के बाद से सियासत में और भी धार देखने को मिल रही है. पहले इस बात के आरोप लगे थे कि किसान आंदोलन को कांग्रेस और पंजाब के मुख़्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का समर्थन है. जबकि अब इस वीडियो के आने के बाद से एक बार फिर सत्ता दल भारतीय जनता पार्टी ने इसे कांग्रेस की करतूत बताया है.

बता दें कि पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के किसान केंद्र सरकार द्वारा बीते दिनों लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के संबंध में विरोध जता रहे हैं. उनकी मांग है कि ये बिल सरकार को वापस लेने चाहिए. किसानों का मानना है कि ये कानून उनके हित में नहीं है. जबकि मोदी सरकार ने कहा है कि किसी भी हाल में ये कानून वापस नही लिए जाएंगे. सभी कानून किसानों के हित में हैं और इनसे किसानों को कोई नुक़सान नहीं पहुंचेगा.

3 दिसंबर को किसानों से करेंगे बात : कृषि मंत्री

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को किसानों से विरोध प्रदर्शन रोकने की मांग की थी और उन्होंने कहा था कि हम बैठकर बातचीत कर समस्या सुलझा लेंगे. 3 दिसंबर को किसान संगठनों से बात की जाएगी. तोमर ने कहा था कि, ” ”मैं अपील करना चाहूंगा कि सर्दी का मौसम है. बीट का समय है. किसान आंदोलन का रास्ता छोड़कर चर्चा करें. हमने अपने तरफ से निमंत्रण दिया हुआ है. जब तक मोदी जी प्रधानमंत्री हैं तब तक किसानों का अहित नहीं हो सकता है. मैं किसानों से अपील करता हूं कि किसान संगठन चर्चा में शामिल हों और बातचीत कर समस्या का हल निकालें.”

केंद्रीय कृषि मंत्री ने आगे बताया था कि किसान नेताओं को बातचीत के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया है और उनके जवाब का इंतज़ार है. अगर वे कोई नया प्रस्ताव भेजते हैं तो फिर इस विचार-विमर्श किया जाएगा. उसके आधार पर आगे की रणनीति बनाई जाएगी. तोमर ने कहा था कि, जब तक मोदी सरकार है किसानों का अहित नहीं होगा.

किसान आंदलोन LIVE अपडेट

किसान आंदोलन से संबंधित जो ताजा जानकारी है उसके मुताबिक़ सिंधु बॉर्डर पर पंजाब के किसानों की मीटिंग चल रही है. बताया जा रहा है कि इस बैठक में जो फैसला निकलकर आएगा वह मान्य होगा. या तो किसान
अपना प्रदर्शन यहीं जारी करेंगे या दिल्ली के बुराड़ी स्थित निराकारी समागम ग्राउंड में वे जा सकते हैं. बता दें कि कल किसानों को दिल्ली के बुराड़ी स्थित निराकारी समागम ग्राउंड में प्रदर्शन करने की अनुमति दे दी गई थी. हालांकि किसान संगठन अब इस पर विचार-विमर्श कर रहे हैं.

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