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मां ने बेटे वीर के लिए बनाई चिप्स, लेकिन बेटा तो एक बार सोया फ़िर उठा ही नहीं। जानिए पूरी कहानी…

‘मैंने अपने वीर के लिए चिप्स बनाए हैं…! इसको बोलो उठे और खा ले…। वीर को चिप्स बहुत पसंद हैं…।” इतना कहते ही वीर की मां स्वर्णा देवी फिर बेहोश हो गई। रिश्तेदारों ने चेहरे पर पानी फेंका तो बेसुध हालत में बेबस मां फिर वही बात दोहराने लगी। मेरे बच्चे मैंने तेरे लिए चिप्स बनाए हैं। बता दें ये कहानी है जम्मू कश्मीर के राजौरी की।

जहां पर वीरवार की रात को मासूम वीर चिप्स की मांग करते-करते सो गया। उसकी मां स्वर्णा रसोई में चिप्स बनाने के लिए चली गई। इसी बीच कायर आतंकियों ने घर की छत पर चढ़कर आंगन में ग्रेनेड फेंका जो बिल्कुल वीर की चारपाई के पास गिरा और जोरदार धमाके के साथ फट गया।

बता दें कि यह दृश्य किसी का भी दिल दहलाने के किए काफ़ी था। वहीं हुआ वीर की मां के साथ। वह इस दृश्य को देखकर दहल गई। ऐसा लगा मानों उसके लिए सारी दुनिया ख़त्म हो गई और वह यह कहते हुए बेहोश हो गई कि, “मैंने अपने वीर के लिए चिप्स बनाए हैं…! इसको बोलो उठे और खा ले…।” लेकिन इस ग्रेनेड के हमले के बाद अब वीर कहाँ उठने वाला था, वह तो बिना चिप्स खाएं ही चिरनिंद्रा में चल गया था और उस छोटे से बच्चे को मौत की नींद सुलाने वाले आतंकवादियों का कलेजा भी एक बार नहीं कंपा। आइए जानते हैं क्या है यह दुःखद पूरा मामला…


बता दें कि राजौरी शहर के खांडली पुल क्षेत्र में वीरवार रात आतंकियों ने भाजपा के शहरी मंडल अध्यक्ष जसवीर सिंह के घर ग्रेनेड से हमला किया था। इस हमले में जसवीर सिंह के तीन वर्षीय भतीजे वीर सिंह की मौत हो गई थी, जबकि परिवार के छह सदस्य बुरी तरह घायल हो गए थे।

मासूम वीर के परिवार के सदस्यों ने बताया कि उसे चिप्स बहुत पसंद थे। वीरवार रात भी वह चिप्स-चिप्स करते हुए सो गया। उसकी मां ने घर के बाहर देखा तो दुकानें बंद हो चुकी थीं। मां को पता था कि वीर जब जागेगा तो चिप्स के लिए जिद करेगा। इसलिए वीर की मां स्वर्णा रसोई में आलू के चिप्स बनाने के लिए चली गई, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। तब पूरा परिवार घर के आंगन में बैठा हुआ था। वहीं पास ही चारपाई पर वीर सो रहा था और रात को खाने की तैयारी चल रही थी।

इसी, बीच, कायर आतंकियों ने घर की छत पर चढ़कर ऊपर से आंगन में ग्रेनेड फेंका, जो बिल्कुल वीर की चारपाई के पास जोरदार धमाके के साथ फट गया। वीर सहित घायल परिवार के सात सदस्यों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। जहां मासूम वीर ने दम तोड़ दिया।

बता दें कि इसके बाद से ही परिवार के अन्य सदस्यों का भी रो-रोका बुरा हाल है। वीर की बुआ बार-बार यही कह रही थी कि वीर का क्या कसूर था। हमारा परिवार हमेशा लोगों के लिए आगे आता रहा है। यह बहुत बड़ी साजिश रचकर हमारे परिवार को निशाना बनाया गया है। इसमें क्षेत्र के कुछ लोग भी शामिल हो सकते हैं।

भाई की तलाश कर रहे कर्ण-अर्जुन…

बता दें कि वीर के दो अन्य भाई कर्ण और अर्जुन भी इस हमले में घायल हुए हैं। कर्ण की उम्र 12 वर्ष और अर्जुन की 10 वर्ष है। तीनों भाइयों में आपस में काफी प्यार था। तीनों साथ पढ़ते और खेलते थे। दोनों उपचार के बाद अस्पताल से वापस घर लौट आए हैं, लेकिन दोनों हर कमरे में जाकर वीर को ढूंढ रहे हैं और बार-बार परिवार से उसके बारे में पूछ रहे हैं। कोई उन्हें कहता है कि वीर अस्पताल में है तो कोई कहता है कि अब वह कभी वापस नहीं आएगा। अपनी आंखों के सामने इतना बड़ा हमला देख चुके दोनों भाई काफी सहमे हुए हैं।

वीर में बसती थी जसबीर की जान… 

वीर के चाचा और भाजपा के शहरी मंडल अध्यक्ष जसबीर सिंह मेडिकल कालेज अस्पताल राजौरी में भर्ती हैं। जसबीर में वीर की जान बसती थी। जसबीर को अभी नहीं पता कि वीर अब इस दुनिया को अलविदा कह चुका है। वहीं, वीर की दादी सिया देवी की हालत गंभीर होने पर उन्हें जम्मू रेफर किया गया है।

अब वीर को नहीं लगेगी किसी की नजर …

परिवार के सदस्यों ने बताया कि वीर की मां उसे बुरी नजर से बचाने के लिए अक्सर उसके माथे पर काला टीका लगाकर रखती थी, लेकिन अब उसे किसी की नजर नहीं लगेगी।

जिले में खराब हैं हालात…

राजौरी जिले में हालात खराब हैं। इस तरह से बीजेपी नेता के घर पर ग्रेनेड हमला होने से सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। शुक्रवार को पूरा शहर बंद रहा। जिसका असर दोपहर तक सड़कों पर देखने को मिला। लोगों की मांग थी कि इस प्रकार से आतंकी घटना होने से सुरक्षा पर सवाल खड़ा होता है। जिले में किस प्रकार की सुरक्षा की जा रही है? वहीँ इस मामले में राज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) समेत कई बड़े नेताओं ने इस हमले की निंदा की है।

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