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‘रामायण’ के ‘राम’ अरुण गोविल को देख फफक-कर रोने लगे जगद्गुरु रामभद्राचार्य, लोग भी हुए भावुक

साल 1987 में शुरू हुआ पौराणिक धारावाहिक ‘रामायण’ आज भी लोगों के जेहन में बसा हुआ है। वही शो में नजर आने वाले कलाकार को लोग भगवान मानते हैं। रामायण में राम की भूमिका अदा करने वाले मशहूर एक्टर अरुण गोविल को लोग सच में पूजने लगे थे और आज भी लोगों के मन में यही आस्था मौजूद है।

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गौरतलब है कि पिछले दिनों ही अरुण गोविल की कुछ तस्वीर सामने आई थी जिसमें एयरपोर्ट पर एक महिला उनके पैरों में गिर गई थी। यह दृश्य देखकर हर कोई कह सकता है कि अरुण गोविल भारतीय रहवासियों के दिलों में बसते हैं। अब एक बार फिर कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला।

अरुण गोविल के सीने से लगकर रोने लगे स्वामी

दरअसल, हुआ यूं कि हाल ही में अरुण गोविल जगदगुरू रामभद्राचार्य के सत्संग में शामिल हुए जहां पर दोनों ने एक दूसरे से मुलाकात की। लेकिन इस दौरान रामभद्राचार्य अरुण गोविल को सीने से लगाते हुए फफक कर रोने लगते हैं। इससे जुड़ी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहे हैं जिसे देखकर हर कोई भावुक भी हो गया।

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वायरल तस्वीरों में देखा जा सकता है कि अरुण गोविल रामभद्राचार्य के पैर छूते हैं और उनसे आशीर्वाद लेते हैं, लेकिन तभी रामभद्राचार्य काफी भावुक हो जाते हैं और अरुण गोविल को अपने सीने से लगा लेते हैं और कुछ देर तक उन्हें वैसे ही लगाए रखते हैं और फिर फफक कर रोने लगते हैं। यह नजारा देखने वालों की आंखों में भी आंसू आ गए। ये इस बात का उदाहरण है कि एक्टर अरुण गोविल ने भगवान राम के किरदार को लोगों के दिलों पूरी तरह से जीवंत बना दिया है।

अरुण गोविल से मिलने के बाद क्या बोले स्वामी?

अरुण गोविंद से मुलाकात के बाद जगद्गुरु ने कहा कि, तुम अभिनय करते थे। इन बंद आंखों से मुझे राम जी का स्वरुप दिखता था। इसके जवाब में अरुण गोविल कहते हैं कि, “बस आपकी कृपा है।” आगे स्वामी कहते हैं कि, “भले और लोगों ने अरुण को अरुण देखा हो, मगर जब ये अभिनय करते थे इनमें राम का आवेश होता था। इनको भी लगा होगा जब तक भारत में रामत्व नहीं होगा तब तक भारत के कल्याण की कल्पना नहीं की जा सकती। मेरे जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य रहा है राघव। जन्म लेने के बाद आंखों को विदा किया।

5 साल की अवस्था में मैंने पूरी गीता कंठस्थ की, 7 साल की उम्र में पूरे राम चरित्र मानस को कंठस्थ किया। मुझे ना बाबा, ना चमत्कारी बनना है। मुझे बस धर्म काम और कौशल्या कुमार राम चाहिए। इसके बाद जगद्गुरु रामभद्राचार्य, अरुण गोविल से राम का परिसंवाद सुनाने कहते हैं। वहीं अरुण ने भी गुरु को राम का परिसंवाद सुनाया।

रामायण के समय सड़के हो जाती थी वीरान

गौरतलब है कि रामायण की लोकप्रियता देखते हुए साल 2020 में लॉकडाउन के दौरान दूरदर्शन पर इसे दोबारा प्रसारित किया गया था। दूसरी बार भी इसे उतना ही प्यार मिला जितना 80 के दशक में मिला करता था। वो दौर कुछ ऐसा था कि, जब रामायण आती थी तो सड़कें वीरान हो जाती थीं।

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बता दें, इस धारावाहिक में सीता का किरदार जानी मानी एक्ट्रेस दीपिका चिखलिया ने निभाया था। वहीं लक्ष्मण के किरदार में सुनील लहरी नजर आए थे। जबकि रावण के किरदार में जान डाली थी अरविन्द त्रिवेदी ने और हनुमान का किरदार निभाया था दारा सिंह ने। ये कलाकार आज भी लोगों के मन में बसे हुए हैं।

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