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आर्थिक तंगी में वृद्ध शिक्षक कार में करता था गुजारा, पुराने छात्र की नजर पड़ी और बदल गयी किस्मत

कोरोना महामारी ने देश भर में सभी लोगों को काफी परेशान कर दिया। बहुत से लोगों की स्थिति ऐसी हो गई है कि कोरोना काल में दो वक्त की रोटी का इंतजाम करना भी बहुत मुश्किल हुआ। कोरोना वायरस और लॉक डाउन की वजह से कई परिवारों पर आर्थिक संकट मंडराने लगा। कोरोना महामारी ने ज्यादातर सभी लोगों का जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया।

नौकरी करने वाले लोगों की नौकरी लॉकडाउन के दौरान छूट गई। लॉकडाउन में बहुत से लोगों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। कोरोना वायरस की वजह से पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था चरमरा गई और लोग बेरोजगार हो गए। वहीं कैलिफोर्निया के जोस नाम के टीचर पर भी इसकी दोहरी मार पड़ी। उनके पास कमाई का कोई भी जरिया नहीं रह गया।

इस शिक्षक की ऐसी हालत हो गई थी, उन्हें अपनी कार में ही रहने को मजबूर होना पड़ा। उनके पास जो भी पैसे होते थे, वह अपने परिवार को भेज दिया करते थे ताकि उनका परिवार अपना खर्चा चला सके। कोरोना वायरस की वजह से जब स्कूल बंद हो गए तो उस दौरान जोस पर पैसों का बहुत अभाव हो गया।

पुराने छात्र ने बदल दी टीचर की जिंदगी

वैसे देखा जाए तो गुरु को बच्चों का जीवन बनाने वाला कहा जाता है परंतु आर्थिक तंगी से गुजर रहे जोस के एक छात्र स्टीवन ने उनकी जिंदगी को पटरी पर लाने का काम किया है। प्यूपल डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्टीवन ने कहा कि जब वह घर से बाहर काम के लिए निकलता था तो अपने टीचर को दिन की शुरुआत कार से ही करते हुए देखता था। उसके बाद स्टीवन ने अपने गुरु के लिए कुछ ऐसा करने के बारे में सोचा, जिससे उनकी आर्थिक तंगी दूर हो सके। जिसके बाद स्टीवन ने एक फंड रेजिंग अकाउंट बनाया था और उसने पैसे इकट्ठे करने शुरू कर दिए।

स्टीवन ने बताया कि उनका लक्ष्य 5 हजार डॉलर इकट्ठा करना था परंतु उन्होंने जो लक्ष्य रखा था उससे 6 गुना अधिक पैसा जमा कर लिया। इसके बाद जब स्टीवन के गुरु जोस का 77 वां जन्मदिन आया तो उन्होंने सपने में भी यह नहीं सोचा होगा कि उनको इस तरह से सरप्राइज मिलने वाला है। स्टीवन और बाकी दोस्तों ने टीचर को हैप्पी बर्थडे विश किया और उनके जन्मदिन के उपहार के रूप में उनके हाथ में 27 हजार डॉलर का चेक रख दिया।

जोस ने कहा- कभी मैंने सरप्राइज की उम्मीद नहीं की थी

जब गुरू जोस को अचानक से यह सरप्राइज मिला तो वह एक पल के लिए सोच विचार में पड़ गए थे। इस तरह से उन्हें सरप्राइस मिलेगा, उन्हें अभी तक इस पर भरोसा नहीं हो पा रहा है। जोस ने कहा कि “मुझे अब भी भरोसा नहीं हो रहा, मेरे लिए यह चौंकाने वाला था। कभी मैंने सरप्राइज की उम्मीद नहीं की थी।”

वहीं स्टीवन का कहना है कि “उस व्यक्ति की मदद करना किसी सम्मान से कम नहीं है, जो बहुत से बच्चों की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए नि:स्वार्थ भाव से काम करता हो।” स्टीवन ने अपने गुरु की जिंदगी को खुशियों से भर दी। जिस प्रकार से स्टीवन ने अपने गुरु की जिंदगी को पटरी पर लाने का काम किया है उसकी जितनी भी तारीफ की जाए उतनी ही कम है।

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