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कभी गरीबी के चलते भूखे पेट सोता था परिवार, बेटा मेहनत कर बन गया पायलट, मिलेंगे महीने के 2.5 लाख

कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों…! इस फेमस कहावत का अर्थ यही है कि दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है। बस आपको उस चीज को संभव बनाने के लिए कठिन मेहनत करनी होती है। अब राजस्थान के टोंक जिले का यह अनोखा मामला ही ले लीजिए। यहां एक घर में खाने पीने तो के लाले हुआ करते थे। लेकिन फिर बेटे ने पढ़ लिखकर ऐसी बड़ी नौकरी हासिल की कि एक झटके में सारी गरीबी छूमंतर हो गई।

गरीबी से निकलकर बना पायलट

दीपक कुमावत टोंक जिले के देवली इलाके के रहने वाले हैं। उनका बचपन से एक पायलट बनने का सपना था। लेकिन इस सपने के रास्ते में कई बाधाएं आई। हालांकि दीपक ने हार नहीं मानी और हाल ही में उनका एलाइंस एयर एवियशन लिमिटेड में बतौर पायलट सिलेक्शन हो गया। लेकिन यहां तक का सफर दीपक के लिए इतना आसान भी नहीं था। जब उनका परिवार गरीबी और भुखमरी से जूझ रहा था तो समाज और आस-पड़ोस के लोगों ने कोई मदद नहीं की।

दीपक चार बहनों के इकलौते भाई हैं। उनके पिता की एक अच्छी खासी नौकरी थी। वह अपने बच्चों को अच्छे से पढ़ा लिखा रहे थे। दीपक का सपना पायलट बनने का था इसलिए उन्होंने 12वीं के बाद मैथ्स और साइंस में मन लगाकर पढ़ाई करना शुरू कर दिया। वह अपने सपने को पूरा करने के लिए आगे की पढ़ाई करने दिल्ली भी गए। लेकिन 2011 में अचानक उन्हें एक बुरी खबर मिली। उनके पिता एक सड़क दुर्घटना में बुरी तरह घायल हो गए।

मुश्किलों के बावजूद नहीं मानी हार

इस हादसे के बाद घर की आर्थिक स्थिति गड़बड़ हो गई। दीपक को भी वापस अपने घर लौटना पड़ा। आलम यह था कि कई बार इन्हें रात को भूखा सोना पड़ता था। दीपक की मां ने सिलाई का काम करना शुरू कर दिया। उन्होंने जैसे-तैसे अपने सभी बच्चों को पढ़ाया। दीपक को फिर से दिल्ली पढ़ाई करने भेजा। दीपक ने भी इस अवसर को हाथ से जाने नहीं दिया और मन लगाकर पढ़ाई की। इस दौरान दीपक ने कानपुर और स्पेन में ट्रेनिंग ली। हालांकि कोरोना की वजह से उनकी नौकरी 2 साल तक नहीं लगी।

इस दौरान दीपक कभी निराश नहीं हुए। उन्होंने अपने सपने को मरने नहीं दिया। बस लगातार मेहनत करते रहे। और आखिर उनकी मेहनत रंग लाई और उनका सिलेक्शन हो गया। फिलहाल वह कंपनी की तरफ से 1 महीने की ट्रेनिंग पर है। इसके बाद वह बतौर पायलट विमान कंपनी को ज्वाइन कर लेंगे। उनकी शुरुआती सैलरी करीब ढाई लाख रुपए महीना होगी।

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