एक मां बच्चे को अगर जन्म देती है, तो एक पिता उसका लालन-पालन करता है। एक पिता ही वह होता है, जो अपने बच्चे की हर जरूरत को मेहनत करके पूरा करता है। उसकी खुशियों के लिए दिन रात एक कर देता है। वही वहीं बच्चा भी अपने पिता को सच्चा हीरो और अपने जीवन का एक सबसे अच्छा दोस्त समझता है, जो उसे सही रास्ता दिखाता है।
हमारे जीवन में पिता वह इंसान होता है जो कष्ट सहकर हमें आराम पहुंचाते हैं। अपने फटे जूते सालों साल चलाते हैं लेकिन हमें जिद करने पर महंगे जूते दिलाते हैं। इसी बीच आज हम आपको एक ऐसे बेटे के बारे में बता रहे हैं, जिसने अपने पिता की खुशी के लिए उनको चांद पर जमीन खरीदकर भेंट दी है।
बेटे ने पिता के लिए खरीदी चांद पर जमीन
हम सभी लोगों ने अपने बचपन में दादा-दादी या माता-पिता से चांद तारों की कहानियां सुनी होंगी। वहीं चांद पर बहुत सारे गाने और शायरी तो आपने खूब सुने ही होंगे। हिंदी फिल्मों में भी कोई प्यार में चांद तारे तोड़ लाने का वादा करता है, तो कोई चांद की सैर पर चलने की बात कहता है। प्यार मोहब्बत में अक्सर चांद-तारे तोड़ लाने का वादा किया जाता है और यह बात तो अलग है। यह वादा पूरा कम ही लोग कर पाते हैं।
लें आज हम हरियाणा के एक ऐसे शख्स के बारे में बता रहे हैं जिसने अपने इस वादे को पूरा कर दिखाया है। जी हां, बेटे ने अपने पिता को तोहफे में चांद पर जमीन खरीद कर दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हरियाणा के जिला यमुनानगर के सरोजनी कॉलोनी में रहने वाले आयुष की 5 साल पहले कनाडा में नौकरी लगी।
कनाडा जाते समय आयुष ने अपने पिता से यह वादा किया था कि वह उनके लिए कुछ ऐसा करेंगे, जो सभी की कल्पनाओं से परे होगा।
कोरियर से पिता के नाम चांद पर जमीन खरीदकर भेज दी उसकी रजिस्ट्री
कनाडा में नौकरी करने वाले बेटे ने अपने माता-पिता के नाम चांद पर जमीन खरीदी। कोरियर से आए चांद पर खरीदी गई जमीन के दस्तावेज पाकर अपने बेटे से हजारों मील दूर यमुनानगर बैठे माता-पिता फूले नहीं समा रहे। कनाडा में जॉब कर रहे आयुष ने 5 सालों के अंदर ही कुछ ऐसा कर दिखाया जिसे देख उसके माता-पिता बस देखते ही रह गए।
आयुष ने कोरियर के माध्यम से अपने पिता के नाम चांद पर जमीन खरीद कर उसकी रजिस्ट्री भेज दी। पिता, सुभाष चंद्र ने कहा कि उनका बेटा कुछ ऐसा कर दिखाएगा। इसकी उन्होंने कल्पना तक नहीं की थी। बेटे के इस तोहफे के कागज देखकर पहले तो माता-पिता को यकीन करना काफी मुश्किल हो रहा था। इसके बाद उनकी आंखें नम हो गईं।
कभी नहीं सोचा था कि उनकी चांद पर भी जमीन होगी
मां रेखा का ऐसा कहना है कि उनके पास रिश्तेदारों के फोन आ रहे हैं। सुभाष चंद्र ने बताया कि उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उनकी चांद पर भी जमीन होगी। बेटे ने फोन करके सरप्राइज के बारे में बताया।