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महिला नेता के कपड़े फाड़े जाने का कांग्रेस ने लगाया आरोप, तो महिला आईपीएस से मिला ये जवाब

उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ती जा रहीं बलात्कार की घटनाओं को लेकर कांग्रेस ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस इस मामले में बहुत ही मुखर नजर आ रही है। केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि बलात्कार के मामलों पर तमिलनाडु में भी कांग्रेस की तरफ से लगातार प्रदर्शन किए जा रहे हैं।

हालांकि, यह बात अलग है कि राजस्थान में जो बलात्कार हो रहे हैं, उस पर कांग्रेस की तरफ से कोई भी कुछ कहने के लिए तैयार नहीं है। पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए राहुल गांधी जब हाथरस जा रहे थे, तो उन्हें और उनके लोगों को धारा 144 का हवाला देते हुए गांव में घुसने से मना कर दिया गया था। कांग्रेस के नेताओं ने इस दौरान पुलिस पर बदतमीजी करने के आरोप लगाए हैं।

राजनीति में आया भूचाल

उत्तर प्रदेश के हाथरस में जो दलित बालिका के साथ कथित तौर पर बलात्कार की घटना हुई है, इसके बाद से देश की राजनीति में भूचाल आया हुआ है। कांग्रेस ही नहीं, बल्कि अन्य विपक्षी दल भी उत्तर प्रदेश सरकार पर लगातार दबाव बनाने की कोशिशों में दिख रहे हैं।

इसी क्रम में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली से उत्तर प्रदेश पहुंचकर पीड़िता के परिवार से मिलने का प्रयास किया। वैसे, उत्तर प्रदेश पुलिस ने पहले से ही राहुल गांधी को रोकने के लिए पूरी तरह से तैयारी कर ली थी। इसके बाद बड़े पैमाने पर बवाल भी हुआ। कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पुलिस को लाठियां भी भांजनी पड़ी थीं। इस झड़प में खुद राहुल गांधी भी घिरे हुए नजर आए थे।

ट्वीट की गई ये फोटो


इसी दौरान एक फोटो सोशल मीडिया में सामने आ गया, जिसके बारे में बताया गया कि झड़प के दौरान दिल्ली महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अमृता धवन के कपड़े तक फाड़ दिए गए। इस फोटो में एक महिला फटे हुए कपड़ों के साथ दिख भी रही है। अपने दुपट्टे से वह अपने बदन को ढकने की कोशिश करती हुई नजर आ रही है। एक फोटो जर्नलिस्ट ने यह फोटो क्लिक की थी, जिसने कि सोशल मीडिया में यह पोस्ट शेयर किया।

आदेश रावल ने इस फोटो को पोस्ट करते हुए लिखा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस की यह आज की सबसे शर्मनाक घटना को दर्शाते हुए तस्वीर है। पुलिस ने दिल्ली महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अमृता धवन के कपड़े फाड़ दिए हैं।

महिला आईपीएस अधिकारी ने आरोपों का किया खंडन


इस फोटो के ट्वीट किए जाने के बाद बवाल मच गया। ऐसे में उत्तर प्रदेश पुलिस में पदस्थ आईपीएस अधिकारी वृंदा शुक्ला ने इसका जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि उस दौरान वे मौके पर ही मौजूद थीं। कानून-व्यवस्था की स्थिति पर उन्होंने अपनी नजरें बनाई हुई थीं। इस जगह पर इस तरह की किसी भी घटना को अंजाम नहीं दिया गया है। उन्होंने यह भी लिखा है कि किसी भी महिला के साथ यहां पर किसी भी तरह की कोई और असम्मानजनक बात नहीं हुई है।

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