अजब ग़जब

अनोखी शादी: यहां एक रात के लिए दुल्हन बनते हैं किन्नर, अगले दिन हो जाते हैं विधवा

भारत में जब भी कोई त्यौहार आता है तो किन्नर पैसे मांगने घर आ जाते हैं। इसके अलावा ये हमे ट्रैफिक सिग्नल पर भी दिखाई दे जाते हैं। वैसे तो हर किसी ने किन्नर देख रखा है लेकिन इनकी रहस्यमयी दुनिया की जानकारी बहुत कम लोगों को होती है। उदाहरण के लिए आप में से शायद ही किसी को पता होगा कि किन्नर शादी भी करते हैं। हालांकि उनकी यह शादी सिर्फ एक दिन की होती है और अगले दिन वे विधवा बन जाते हैं।

इनसे होता है किन्नर का एक दिन का विवाह

हैरत की बात ये हैं कि किन्नर अपने भगवान से ही शादी करते हैं। किन्नरों के भगवान अर्जुन और नाग कन्या उलूपी की संतान इरावन हैं। इन्हें अरावन के नाम से भी जाना जाता है। देश में हर किन्नर के रीति रिवाज अलग अलग होते हैं। ऐसे में तमिलनाडु के विल्लीपुरम के कूवागम गांव में सभी किन्नर भगवान आरवन का एक विशेष त्यौहार मानते हैं। इस दौरान वे भगवान आरवन से एक दिन का विवाह करते हैं और अगले दिन विधवा बन विलाप करते हैं।

विधवा की तरह करते हैं विलाप

जब किन्नर का उनके भगवान आरवन से विवाह हो जाता है तो अगले दिन उनकी मूर्ति को पूरे शहर में घुमाया जाता है। अंत में यह मूर्ति तोड़ दी जाती है। विवाह करने वाला किन्नर फिर अपना पूरा श्रृंगार उतार एक विधवा की तरह विलाप करता है। अब आप में से कई लोग सोच रहे होंगे कि किन्नर ऐसा क्यों करते हैं? दरअसल इसके पीछे भी एक खास वजह है।

ये है वजह

दरअसल  महाभारत के युद्ध के दौरान पांडवों ने माँ काली की पूजा की थी। इस पूजा के लिए उन्हें एक राजकुमार की बलि चाहिए थी। हालांकि इस काम के लिए कोई भी राजकुमार आगे नहीं आया। ऐसे में इरावन इसके लिए तैयार हो गए, लेकिन उन्होंने शर्त रखी कि वे शादी किए बिना बलि पर नहीं चढ़ेंगे।

ऐसे में पांडव मुश्किल में पढ़ गए। उन्हें समझ नहीं आया कि महज एक दिन के लिए कौन राजकुमारी इरावन से विवाह करेगी। अगले दिन ही उसे विधवा बन जाना है। ऐसे में भगवान श्रीकृष्ण ने मोहिनी का रूप धरण किया और इरावन संग विवाह कर लिया। अब अगले दिन जब इरावन की बलि दी गई तो श्रीकृष्ण ने विधवा की तरह विलाप किया। बस इसी घटना को याद करते हुए सभी किन्नर इरावन को अपना भगवान मानते हैं। इसलिए वे उनसे एक दिन का विवाह करते हैं।

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