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ट्रेनों में बदल गए टिकट रिजर्वेशन के नियम, अब रेल यात्रि इस खास सुविधा का ले पाएंगे लाभ

भारतीय रेलवे ने हाल ही में अपने टिकट आरक्षण के नियमों को लेकर एक बड़ा बदलाव किया है। यह बदलाव रेल यात्रियों को और अधिक सुविधा देने के उद्देश्य से किया गया है। इस नए बदलाव के तहत अब से रेलवे आरक्षण का पहला चार्ट ट्रेन के स्टेशन से निकलने के 4 घंटे पूर्व ही जारी कर देगा। वहीं दूसरे चार्ट को ट्रेन के स्टेशन से निकलने के आधे घंटे यानि 30 मिनट पहले जारी किया जाएगा।

दरअसल दूसरा चार्ट जारी करने से ये होगा कि पहले वाले रिजर्वेशन चार्ट में जो खाली सीटें रह गई है, उन पर ऑनलाइन या टिकट खिड़की से टिकट बुकिंग बंद हो जाएगी। ऐसा करने से जो यात्री वेटिंग लिस्ट में हैं उन्हें अंतिम समय तक इन खाली सीटों का लाभ लेने का अवसर मिल जाएगा। इसके साथ ही ट्रेन के अंदर टीटीई की मनमानी भी समाप्त हो जाएगी। बताते चलें कि रेलवे ने यह निर्णय जोनल रेलवे के अनुरोध पर लिया है। माना जा रहा है कि ट्रेन संचालन में अभी और भी कई बदलाव होंगे।

अभी तक कोरोना महामारी के दौर में स्पेशल ट्रेनों के स्टेशन से छूटने के दो घंटे पहले दूसरा आरक्षण चार्ट जारी हो रहा था। ये एक अस्थाई निर्णय था जिसे भारतीय रेलवे ने 11 मई 2020 को लिया था। ऐसा एक मई से शुरू हुई श्रमिक ट्रेनों के तात्कालिक सावधानी व सतर्कता के अंतर्गत किया गया था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कोरोना काल के पहले रेवले की पटरियों पर 13 हजार से अधिक ट्रेनें दौड़ती थी। लेकिन वर्तमान में इनकी संख्या सिर्फ पौने पांच सौ ही रह गई हैं। गौर करने वाली बात यह है कि पेसेन्जर ट्रेनों को लेकर रेलवे इन दिनों कई प्रयोग कर रहा है। ये भी माना जा रहा है कि भविष्य में इस संचालन को प्राइवेट सेक्टर के तहत किया जाएगा। इससे ट्रेनों में राजनीतिक दखल हट जाएगा।

एक खबर ये भी है कि आने वाले समय में ट्रेनों का संचालन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के आधार पर होगा। त्यौहार के सीजन भी स्टार्ट हो गए हैं। ऐसे में ट्रेनों का चयन इन दिनों इसी मॉडर्न डिजिटल तकनीक के माध्यम से किया जा रहा है। उम्मीद है कि भविष्य में भी यही तकनीक इस्तेमाल की जाएगी। उदाहरण के लिए यदि किसी निश्चित रूट में चल रही ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट एक खास नंबर के ऊपर चली जाती है तो उसी रूट पर एक नई ट्रेन जुड़ जाएगी। इससे पेसेन्जरों को आसानी से आरक्षण मिल मिल जाएगा।

कुल मिलाकर इन बदलावों के बाद ट्रेन संचालन में राजनीति दबाव नहीं होगा और यात्रियों के लिए सुविधा अधिक होगी।

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