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चाणक्य नीति: जीवन में इन 2 चीजों की आदत नशे समान होती है, एक बार लग जाए तो सब बर्बाद हो जाता है

चाणक्य सदी के सबसे बड़े विद्वान शख्स के रूप में जाने जाते हैं। उनकी चाणक्य नीति (Chanakya Niti) पूरी दुनिया में फेमस है। उन्होंने अपने अनुभवों से जीवन जीने का सही तरीका खोजा है। यदि हम चाणक्य नीति के अनुसार अपनी लाइफ जिन शुरू कर दें तो जीवन में कोई दुख नहीं होगा। चाणक्य नीति की माने तो जीवन में वहीं व्यक्ति सुखी रहता है जो अवगुणों से दूर रहता है। ये अवगुण व्यक्ति के दुख का कारण बनते हैं। इससे उसे व्यर्थ का तनाव और भ्रम होता है। ये कई परेशानियों की जड़ भी बनता है। चाणक्य नीति के अनुसार एक सुखी जीवन के लिए व्यक्ति को इन दो अवगुणों से दूर रहना चाहिए।

लालच न करें

लालच किसी बीमारी से कम नहीं होता है। यह एक बार आपको लग जाए तो आप कभी चैन से बैठ नहीं पाएंगे। आपके मन में लगातार कुछ हासिल करने की इच्छा जाग्रत होती रहेगी। जल्द ही ये एक ऐसा नशा बन जाएगा जिसे प्राप्त करने के लिए आप गलत रास्तों का सहारा लेने से भी परहेज नहीं करेंगे। इन सब चीजों के चलते आपके जीवन से सुख नाम की चीज गायब हो जाएगी।

यह लालच आपके घर को बर्बाद कर के ही छोड़ती है। इसके चलते आप जीवन में कभी संतुष्ट नहीं रह पाते हैं। इस लालच के चलते आपके पास जो पहले से है उसकी आपको कद्र नहीं होती है। आप जीवन का आनंद लेने की बजाए नई नई चीजें हासिल करने के पीछे भागते रहते हैं। बस यही वजह है कि जीवन में सुखी और संतुष्ट रहने के लिए लालच के भाव को अपने दिमाग से निकाल फेंक देना चाहिए।

बुराई न करें

चाणक्य नीति के अनुसार इंसान को दूसरों की बुराई करने से बचना चाहिए। ये भी एक प्रकार की बीमारी होती है। यह आपको लग जाए तो प्रतिष्ठा और योग्यता नष्ट हो जाती है। कभी किसी की बुराई नहीं करना चाहिए। यदि आप हमेशा दूसरों की बुराई करने लगेंगे तो इस अवगुण के आदि हो जाएंगे। बुराई करने वालों की समाज में कोई इज्जत नहीं होती है। ये लोग हमेशा नेगेटिव विचारों से भरे होते हैं।

इस तरह के लोग जीवन में आगे नहीं बढ़ पाते हैं। बुराई करना और सुनना दोनों ही बुरी आदत है। जब आप किसी की बुराई सुनते हैं तो जल्द ही ये आदत आपको भी घेर लेती है। इसलिए हमेशा सामने वाले की अच्छाई अपनाएं। यदि उसमें कुछ बुरा लगे तो उन्हें नजरअंदाज कर दें।

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