भारत ने 35 दिनों में किया 10 मिसाइलों का सफल परीक्षण, दुनिया को दिखाई अपनी ताकत
भारत पिछले कुछ दिनों से लगातार ताकतवर मिसाइलों का परीक्षण कर रहा है और इन परीक्षणों से चीन को कड़ा संदेश मिल रहा है। भारत ने महज 35 दिनों के अंदर अपनी 9 मिसाइलों का परीक्षण किया है। वहीं अब रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) आने वाले दिनों में एक ओर मिसाइल का परीक्षण करने वाला है। जिसके साथ ही परीक्षण का आंकड़ा 10 पहुंच जाएगा।
खबरों के अनुसार DRDO अब 800 किलोमीटर दूरी पर वार करने वाली निर्भय सब-सोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण करेगा। दरअसल इस मिसाइल को थलसेना और नौसेना में औपचारिक रूप से शामिल किया जा रहा है। इसलिए इस मिसाइल का एक बार फिर से परीक्षण किया जाएगा। DRDO की ओर से लगभग एक महीने के भीतर ही कई मिसाइलों का परीक्षण किया जा चुका है। DRDO इन दिनों मेड इन इंडिया कार्यक्रम पर जोर दे रहा है और सामरिक परमाणु और पारंपरिक मिसाइलों को विकसित करने पर जुटा हैं। DRDO ने पिछले एक महीने के दौरान लगभग 4 दिनों पर एक मिसाइल का परीक्षण किया है।
डीआरडीओ के प्रोजेक्ट से जुड़े एक मिसाइल एक्सपर्ट ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि चीन के साथ बिगड़ते संबंधों के बीच डीआरडीओ को फास्ट ट्रैक के तहत मिसाइल प्रोग्राम को पूरा करने को कहा गया है। क्योंकि भारत सरकार को चीन की नीयत पर भरोसा नहीं है।
अभी तक किया गया इन मिसाइलों का परीक्षण-
पहला परीक्षण
भारत की ओर से 7 सितंबर को पहला परीक्षण किया गया था। DRDO ने हाइपरसोनिक टेक्नॉलोजी डेमोनस्ट्रेटर वैकिल (एसएसटीडीवी) का परीक्षण किया था। आपको बता दें कि भारत हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक विकसित करने वाला अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा देश बना है।
दूसरा परीक्षण
DRDO ने दूसरा परीक्षण 22 सितंबर को किया था। जो कि ओडिशा के बालासोर में हुआ था। इस परीक्षण के तहत हाई स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टार्गेट (HEAT) ‘अभ्यास’ का सफल परीक्षण किया गया था।
तीसरा परीक्षण
DRDO की ओर से तीसरा परीक्षण भी 22 सितंबर को किया गया था। जिसके तहत लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। इस मिसाइल को महाराष्ट्र के अहमदनगर में MBT अर्जुन टैंक से दागा गया था।
चौथा परीक्षण
23 सितंबर को पृथ्वी-2 का सफल परीक्षण किया गया था। ये मिसाइल सतह से सतह पर वार करती है और परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। इसकी मारक क्षमता 350 किलोमीटर की है।
पांचवा परीक्षण
30 सितंबर को पांचवा परीक्षण किया गया था, जो कि सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ का था। ये मिसाइल 450 किमी तक की दूरी और 200 किलो का पारंपरिक वॉरहेड ले जाने की क्षमता रखती है। नौ मीटर लंबी और 670 मिमी व्यास वाली ये मिसाइल 14 किमी तक की ऊंचाई तक जा सकती है। इसे आसानी से पनडुब्बी, जहाज, एयरक्राफ्ट या जमीन से लॉन्च किया जा सकता है।
छठा परीक्षण
1 अक्टूबर को DRDO ने लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का दूसरा सफल परीक्षण किया था। इस मिसाइल की क्षमता पांच किलोमीटर की है।
सातवां परीक्षण
सातवां परीक्षण 3 अक्टूबर को किया गया था, जो कि सुपरसोनिक ‘शौर्य’ मिसाइल का था। इस मिसाइल की क्षमता 1,000 किलोमीटर है। जमीन से जमीन पर मार करने वाली ये मिसाइल पनडुब्बी से लांच किए जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल का जमीनी रूप है।
आठवां परीक्षण
5 अक्टूबर को सुपरसोनिक ‘स्मार्ट’ मिसाइल का परीक्षण DRDO ने किया था। ये परीक्षण ओडिशा के बालासोर से किया गया था। ये एक तरह की सुपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल है। इसकी क्षमता 650 किलोमीटर है।
नौवां परीक्षण
9 तारीख को पहली स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल ‘रूद्रम’ का सफल परीक्षण किया गया था। इस मिसाइल को सुखोई-30 लड़ाकू विमान से दागा गया था।
दसवां परीक्षण
दसवां परीक्षण सब-सोनिक क्रूज मिसाइल ‘निर्भय’ का होगा। इसकी मारक क्षमता 800 किलोमीटर है। इस परीक्षण को अगले सप्ताह किया जाना है।