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अल्पसंख्यक श्रेणी के छात्रों के लिए तेलंगना सरकार की योजना, यूपीएससी परीक्षा के लिए फ्री कोचिंग

सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती हैं। देश के हजारों युवा सिविल परीक्षा पास करके अफसर बनने के ख्वाब देखते हैं। परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग सेंटर भी मोटी रकम वसूलते हैं। कोचिंग की भारी फीस की वजह से कई आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं का यह सपना अधूरा रह जाता है। तेलंगाना सरकार में इन युवाओं की मदद के लिए अब एक पहल की है। तेलंगना के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने राज्य में अल्पसंख्यक युवाओं को सिविल सर्विसेज की तैयारी करवाने की योजना की घोषणा की है। 8 अक्टूबर को घोषित की गई इस योजना में सरकार ने बताया है कि वह अल्पसंख्यकों के आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को मुफ्त में सिविल सर्विसेस की परीक्षाओं के लिए कोचिंग कराएगी।

100 अल्पसंख्यक उम्मीदवारों को मिलेगी मुफ्त कोचिंग

तेलंगाना अल्पसंख्यक आवासीय शैक्षणिक संस्थान सोसायटी के अध्यक्ष एके खान ने बताया है कि, इस योजना के अंतर्गत प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी। जिसके आधार पर 100 अल्पसंख्याक उम्मीदवारों का चयन होगा। चयनित उम्मीदवार सूचीबद्ध कोचिंग सेंटरों में से अपनी पसंद की कोचिंग चुन सकते हैं। राज्य सरकार उनकी कोचिंग की फीस देगी और साथ ही उन्हें वजीफा भी प्रदान करेगी। हालांकि यह योजना केवल उन अल्पसंख्यक उम्मीदवारों पर लागू होती है जिनके माता-पिता की वार्षिक आय 2 लाख से कम हैं।

प्रवेश परीक्षा में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया होगी ऑनलाइन

एके खान ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा के लिए छात्र ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि जिन युवाओं का चयन होगा उन्हें पूरे साल तक सही कोचिंग और मार्गदर्शन दिया जाएगा। उनका उत्साह बढ़ाने के लिए भी सरकार प्रयास करती रहेगी। खान ने बताया कि युवाओं को हैदराबाद के सबसे अच्छे कोचिंग सेंटरों में कोचिंग दी जाएगी। उन्होंने इस योजना की घोषणा करते हुए युवाओं से अपील की है कि वे इस सुनहरे मौके को अपने हाथ से ना जाने दे‌। खान ने उम्मीद जताई कि इस कदम से न केवल छात्रों की शैक्षिक, आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार होगा बल्कि उन्हें देश की विकास प्रक्रिया में अपनी भूमिका निभाने में भी मदद मिलेगी। 

सिविल परीक्षा में अल्पसंख्यकों को फायदे पर मामला अब भी गरम

सिविल परीक्षाओं में अल्पसंख्यकों के लिए कुछ सीट्स रिजर्व रहती है। स्वर्ण श्रेणी में आने वाले छात्र हमेशा से इस बात का विरोध करते आए हैं। देशभर में रिजर्वेशन को हटाने की मांग को लेकर कई आंदोलन किए गए। हालांकि अभी भी सरकार ने इस बारे में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। युवाओं का मानना है कि सभी छात्रों को बराबर मौका मिलना चाहिए। आपको बता दें कि रिजर्वेशन की वजह से परीक्षा पास करने के लिए अल्पसंख्यकों के पासिंग मार्क्स स्वर्ण श्रेणी के छात्रों से कम होते हैं। जिसकी वजह से कोई छात्र जो कि स्वर्ण श्रेणी का है वह ज्यादा अंक प्राप्त करके भी परीक्षा पास नहीं कर पाता बल्कि कम अंक प्राप्त करने पर भी कोई अल्पसंख्यक व परीक्षा पास कर जाता है। बहुत से लोगों ने स्वर्ण श्रेणी के छात्रों के समर्थन में कहां है कि नौकरी और शिक्षा में योग्यता के दम पर चयन किया जाना चाहिए। सभी छात्रों को बराबर मात्रा मे दिया जाएगा तभी देश के विकास में वृद्धि होगी।

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