SC-ST एक्ट की एवज में सैनिक से वसूलने चाहे 10 लाख, शर्ते ना मनाने पर सैनिक की पत्नी को लगा दी आग
उत्तर प्रदेश में एससी-एसटी केस के चलते एक परिवार तहस नहस हो गया। बताया जा रहा है कि इस परिवार के बेटे पर एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था और इस केस के कारण ये परिवार मिनटों में बर्बाद हो गया। दरअसल आगरा के ताजगंज स्थित पुष्पा इको सिटी कॉलोनी से एक सैनिक की पत्नी की मौत जलकर हो गई। कहा जा रहा है कि कुछ दिनों पहले सैनिक के परिवार पर एससी-एसटी केस दर्ज कराया गया था। ये केस दर्ज होने के बाद मामले को हल करने के लिए 11 अक्टूबर को पंचायत भी बुलाई गई थी। इस पंचायत में विरोधी पक्ष को ये केस वापस लेने को कहा गया था। लेकिन विरोधी पक्ष अपनी जिद पर आड़ा रहा। लाख समझाने के बाद विरोधी पक्ष ने केस वापस लेने की एवज में दो शर्ते रखीं। पहली शर्त के तहत विरोधी पक्ष ने सैनिक के परिवार वालों से 10 लाख रुपये की मांग की और दूसरी शर्त के तहत विरोधी पक्ष ने सैनिक को और उसकी पत्नी को पैर छूने को कहा। इन दोनों शर्तों का सैनिक की पत्नी ने विरोध किया।
Thakur hegemony in UP is such that a Thakur woman has to die in face of SC/ST charges slapped on the family over a fight between ten year old kids. Events turn ugly when woman refuses to touch feet of the “aggrieved” and her husband can’t cough up Rs 10 lakh as settlement amount https://t.co/ek7WeaB1Ih
— Vikas Saraswat (@VikasSaraswat) October 13, 2020
इस बात को लेकर दर्ज किया था केस
सैनिक अनिल राजावत के अनुसार उनके परिवार में उनकी पत्नी संगीता और दो बेटे हैं। जो कि जुड़वा हैं। जिनका नाम पियूष और आयुष हैं। उनके बेटे का कॉलोनी के ही रहने वाले भरत खरे के बेटे से झगड़ा हो गया था और इस झगड़े के दौरान भरत के बेटे के सिर में चोट आ गई थी। इस घटना के बाद भरत ने थाने में एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करा दिया। आपको बता दें कि अनिल के बेटे की आयु महज 8 साल की थी।
बुलाई गई पंचायत
इस मुकदमे को वापस लेने के लिए गांव में एक पंचायत की गई। पंचायत के दौरान भरत ने अनिल राजावत से 10 लाख रुपए की मांग की और दोनों पति-पत्नी को सबके सामने पांव छू कर माफी मांगने को कहा। लेकिन अनिल की पत्नी राजी नहीं हुई। अनिल का कहना है कि इसी दौरान उनकी पत्नी के चीखने की आवाज आई और जब उन्होंने देख तो उनकी पत्नी आगे में जल रही थी। अनिल का आरोप है कि विरोधी पक्ष ने उसकी पत्नी पर केरोसिन डाल कर उसे आग लगा दी। संगीता को तुरंत मिलिट्री अस्पताल ले जाया गया। जहां से उसे दिल्ली गेट स्थित एक निजी अस्पताल में रेफर किया गया। इस अस्पताल से संगीत को एसएन इमरजेंसी और वहां से दिल्ली के आरआर हॉस्पिटल में रेफर किया गया। लेकिन इलाज के दौरान रविवार की सुबह साढ़े 9 बजे संगीता की मौत हो गई।
अब अनिल ने भरत और उसके 10-15 साथियों पर पत्नी की हत्या का आरोप लगाया है और केस दर्ज किया है। वहीं इस पूरे मामले पर कॉलोनी के लोगों का कहना है कि वो डरे हुए हैं और इस हादसे के बाद से उनके घर में खाना तक नहीं बना है। लोगों का कहना है कि एससी-एसटी एक्ट के तहत हुए मुकदमे ने अनिल राजावत के परिवार को बर्बाद कर दिया। संगीता आग की लपटों में सड़क पर दौड़ रही थी और अनिल ने उसे बचाने की काफी कोशिश की। जिसके कारण अनिल के भी हाथ जल गए।
भरत के परिवार को दी गई सुरक्षा
‘दैनिक जागरण’ में छपी इस खबर के अनुसार इस पूरे मामले को देखते हुए पुलिस ने भरत खरे और उसके परिवार को अपने अभिरक्षा में ले लिया है। पुलिस को डर है कि इनपर कोई हमला ना कर दें।