Kolkata Durga Pandal: इंटरनेट पर छाया कोलकाता का पंडाल, अंग्रेजी में चंडीपाठ कर छेड़ा नया राग
नवरात्र का समय चल रहा है और देश के तमाम देवी मंदिरों में इन दिनों भक्तों का तांता लगा हुआ है। मां दुर्गा के भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए विधि विधान से पूजा-अर्चना कर रहे हैं। इस कड़ी में कोलकाता का एक दुर्गापंडाल इन दिनों अपनी विशेष पूजा के लिए सुर्खियों में छाया हुआ है। दरअसल, इस पंडाल में (kolkata durga pandal) अंग्रेजी में चंडी पाठ का उच्चारण हो रहा है। ऐसे में सोशल मीडिया पर इस पंडाल को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
महालया पूजा पर अंग्रेजी में किया चंडीपाठ आयोजन
बता दें कि कोलकाता स्थित कुदघाट पूजा समिति ने 25 सितंबर को महालया पूजा पर इस पंडाल में अंग्रेजी में चंडीपाठ आयोजन कराया था। जिसके बाद इस अंग्रेजी में हुए चंडीपाठ का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। दरअसल, इस वायरल वीडियो को तमल नामक शख्स ने सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा है, ‘कोलकाता के दुर्गा पूजा क्लब ने अपने ग्लोबल ऑडियंस के लिए चंडीपाठ की मशहूर बंगाली कथा का अंग्रेजी में अनुवाद किया, जिसका परिणाम काफी दिलचस्प रहा… पर क्या अंग्रेजी कभी हमारी मातृभाषा के साथ पैदा होने वाली भावनाओं के साथ न्याय कर सकती है’?
This #DurgaPuja club in #Kolkata translated legendary #Bengali narration of Chandipath to English for larger global audience. Outcome is hilarious. Can #English ever replace the richness of our language,do justice to the quintessential emotion that is evoked only in our language? pic.twitter.com/kfFBZrDSGh
— Tamal Saha (@Tamal0401) September 27, 2022
सोशल मीडिया पर मिल रही है मिलीजुली प्रतिक्रिया
गौरतलब है कि कोलकाता के दुर्गा पंडाल (kolkata durga pandal) में इस तरह से अंग्रेजी में हुए चंडी पाठ पूजा को देख लोगों की अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कुछ लोग जहां इसकी तारीफ कर रहे हैं वहीं कुछ लोग इसकी आलोचना भी कर रहे हैं। एक यूजर्स ने लिखा है कि इससे तो मां दुर्गा भी चली जाएंगी।
Even #MaaDurga will go🤦♀️ https://t.co/si0ve6vZxV
— Shayak Majumder (@shayak_m) September 28, 2022
वहीं दूसरे यूजर्स ने लिखा है कि ‘ये चर्च में होने वाले आयोजन जैसा सुनाई पड़ रहा है.. क्या ये लोग ग्लोबलाइजेशन के नाम पर मां और मातृ भाषा की भावनाएं ही बदल देंगे’?
क्या है ‘चंडी पाठ’ पूजा और महालया का महत्व
गौरतलब है कि ‘चंडी पाठ’ सनातन धर्म में देवी मां की मंत्र पूजा की सबसे प्राचीन प्रणालियों में से एक है। इसका आयोजन महालया के विशेष मौके पर जरूर किया जाता है। अब बात करें महालया की तो ये पितृ पक्ष यानी सर्व पितृ अमावस्या का अंतिम दिन माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश्वर ने राक्षस राजा महिषासुर को वध के लिए देवी दुर्गा का पूजा अर्चना कर आह्वान किया था। ऐमें इस विशेष दिन को मां दुर्गा के पृथ्वी पर आगमन का दिन माना जाता है।