रिपब्लिक के खुलासे के बाद कमिश्नर परमबीर के ईमानदारी पर उठ रहे हैं सवाल, लोगों ने इस्तीफा माँगा
रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क की ओर से BARC के ईमेल की डिटेल्स शेयर की गई है। जिससे ये साफ हो गया है कि ‘TRP घोटाले’ में रिपब्लिक टीवी और रिपब्लिक भारत की कोई भूमिका नहीं थी और इन दोनों चैनलों की ओर से TRP बढ़ाने के लिए पैसे नहीं दिए गए थे। मुंबई पुलिस इस घोटाले में रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क को फंसाने की कोशिश कर रही है और उनका नाम इस घोटाले से जोड़ा जा रहा है।
कमिश्नर परमबीर सिंह के इस्तीफे की हो रही है मांग
रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के इस खुलासे के बाद से सोशल मीडिया पर मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के इस्तीफे की मांग की जा रही है और यूजर्स रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के प्रति अपना समर्थन जता रहे हैं। सोशल मीडिया पर परमबीर सिंह को कमिश्नर की पोस्ट से हटाने की मांग करते हुए लिखा गया है कि उन्होंने अपनी वर्दी का गलत उपयोग किया है। साथ में ही #RepublicExposesParamBir सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है और दुनियाभर में भी टॉप ट्रेंड में है।
I think, there should be inquiry on all cases which Mumbai police commissioner handled in his whole career.
Can anyone imagine? How this man would have handled other cases.
— Vivek Kumar Verma (@vivekebsi) October 18, 2020
Well done @republic @Republic_Bharat again with rock hard proof ….. Please please we request you to take serious action on this fraud man!!He can’t be a CP,he shouldn’t give resignation…….but he should be thrown out of his position!! Shameless!#RepublicExposesParamBir
— Abantika Sutar (@IAbantika) October 18, 2020
Congratulations @republic @ArnabRepublicc ! You have stood up, and how, against these liars! Well done. We stand with you !
— Vibha Saini Bahl (@VibhaBahl) October 18, 2020
@AnilDeshmukhNCP should terminate Parambir Singh as soon as possible.Shame on @OfficeofUT @INCIndia is this the way @MumbaiPolice works..
— Shivani Thakur (@shivanivias) October 18, 2020
दरअसल रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के सीईओ विकास खानचंदानी ने 16 अक्टूबर, 2020 को BARC को एक ईमेल लिखा था। जिसमें ये कहा गया था कि BARC ये साफ करे की ‘TRP घोटाले’ में रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क का नाम है कि नहीं। इसी ईमेल का जवाब BARC ने दिया था। जिसे रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क ने साझा किया है। इस मेल में BARC ने लिखा है कि उसे और उसकी विजिलेंस टीम को रिपब्लिक टीवी (ARG आउटलायर्स मीडिया प्राइवेट लिमिटेड) की ओर से कोई गड़बड़ी नहीं मिली है। विकास खानचंदानी के ईमेल का जवाब देते हुए, BARC ने 17 अक्टूबर, 2020 को कहा कि ‘अगर ARG आउटलायर्स मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई होती तो BARC इंडिया आपको जरूर बताता और आपसे जरूरी दस्तावेजों के साथ जवाब मांगा जाता।’ इस ईमेल से साफ है कि BARC इंडिया को रिपब्लिक के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं और इस घोटाले में रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क का नाम जबरदस्ती शामिल किया जा रहा है।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि मुंबई पुलिस ने ये खुलासा किया था कि कई सारे न्यूज चैनल अपनी TRP बढ़ाने के लिए उन लोगों को पैसे दिया करते थे। जिनके घर में TRP मीटर लगे हुए थे। इन लोगों को पैसे देकर ये कहा जाता था कि वो अपने घर में उनके चैनल को चलाकर रखें। ताकि उनकी TRP अच्छी आए। इस मामले में मुंबई पुलिस ने केस दर्ज किया है। मुंबई पुलिस के अनुसार TRP घोटाले में रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क का भी नाम सामने आया है। जबकि चैनल का दावा है कि उन्होंने कभी भी किसी को TRP बढ़ाने के लिए पैसे नहीं दिए हैं।
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