इस देश में केवल एक रात के लिए होती है शादी, अपनी मर्जी से दुल्हन चुनती है दूल्हा
दुनिया के सभी देशों में शादियों का एक ही महत्व है। सभी देशों में शादियाँ होती हैं और बड़े धूम-धाम से होती हैं। हालांकि हर देश की अपनी संस्कृति और परम्परा होती है, जिसे शादियों में फ़ॉलो किया जाता है। भले ही रीति-रिवाज हर जगह शादियों के अलग होते हैं लेकिन हर शादी में एक बात सामान होती है कि इसमें दो लोगों का मिलन होता है। दोनों के रिश्ते सामाजिक मान्यता के हिसाब से स्वीकार किये जाते हैं।
दुल्हन करती है अपने पसंद के दुल्हे का चुनाव:
लगभग सभी जगहों पर शादी के बाद पूरा जीवन उसी महिला या पुरुष के साथ गुजरना होता है, जब तक बीच में कोई परेशानी ना हो। लेकिन आज हम आपको दुनिया के एक ऐसे देश के बारे में बतानें जा रहे हैं, जहाँ केवल एक रात के लिए ही शादी होती है। इस विवाह के लिए दुल्हन स्वयं अपनी पसंद के दुल्हे का चुनाव करती है। दुल्हे के चुनाव का तरीका भी काफी अनोखा है। आपको बता दें यह अजीबो-गरीब रिवाज चीन की शिलिंग घाटी में रहने वाले लोग निभाते हैं।
शादी आस-पास के लोगों से नहीं बल्कि होती है सैलानियों से:
वहाँ के लोग कई साल पुरानी इस परम्परा को बिना बदले निभा रहे हैं। वहाँ घुमने आये हुए लोग भी इस अजीबो-गरीब शादी का लुफ्त उठानें आते हैं। आपको जानकर और भी हैरानी होगी कि लड़की दूल्हा अपने गाँव या आस-पास के गाँव से नहीं बल्कि घुमने आये हुए सैलानियों में से चुनती है। लडकियाँ किश्ती के पास छाता लेकर सैलानियों के इंतज़ार में बैठी रहती हैं। जब वहाँ सैलानी आते हैं तो उन्हें लेकर वह अपने घर जाती हैं।
रश्म समझाकर करता है दुल्हन का पिता शादी की शुरुआत:
केवल लडकियाँ ही नहीं उनके परिवार वाले भी इस विवाह को लेकर खासे उत्साहित दिखाई देते हैं। उस दिन घर को अच्छी तरह से सजाया जाता है और आँगन में डोली भी रखी जाती है। जब सैलानी घर पहुँचते हैं तो गाने-बजानें का भी कार्यक्रम किया जाता है। विवाह की शुरुआत दुल्हन का पिता करता है। लड़की का पिता सबसे पहले उन्हें इस रश्म के बारे में बताता है। इसके बाद दुल्हन आती है।
दोनों आपसी सहमती से रह सकते हैं एक दिन साथ:
दुल्हन अपने साथ लाल रंग का कपड़ा लेकर आती है, जिसे वह सैलानियों के ऊपर फेंकती है। जिस भी व्यक्ति के ऊपर वह लाल कपड़ा गिरता है, उसे दुल्हे की पोशाक पहनाई जाती है। उसके बाद लड़की और सैलानी का विवाह धूम-धाम से किया जाता है। विवाह होने के बाद यह नवविवाहित जोड़ा कुछ समय तक ही साथ रहता है। अगर दोनों की सहमती हुई तो दोनों एक दिन भी साथ रह सकते हैं। लेकिन उसके बाद साथ रहना असम्भव है। यह विवाह शिलिंग घाटी की जनजाति संस्कृति को समझानें के लिए किया जाता है।