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मंत्री उषा ठाकुर ने मदरसों को बताया आतंकवाद की फैक्टरी, बोलीं यहां से निकलते हैं आतंकवादी

मध्य प्रदेश सरकार की कैबिनेट मंत्री उषा ठाकुर ने सरकारी मदरसों को लेकर विवादित बयान दिया है और कहा है कि मदरसों में आतंकवाद की शिक्षा दी जाती है। प्रेस वार्ता के दौरान उषा ठाकुर ने मध्य प्रदेश सरकार से अपील करते हुए कहा कि वो सरकारी मदरसों को दी जाने वाली आर्थिक मदद को बंद कर दें। क्योंकि सभी आंतकी मदरसों से ही निकले हैं, इसलिए इनको दी जाने वाली सरकारी मदद बंद कर देना चाहिए।

जम्मू कश्मीर का दिया उदाहरण

अपनी बात को साबित करने के लिए कैबिनेट मंत्री उषा ठाकुर ने जम्मू कश्मीर के आतंकवाद का हवाला भी दिया। साथ में कहा कि वक्फ बोर्ड अपने आप में ही एक मजबूत संस्था है। इसलिए इसकी शासकीय मदद बंद की जानी चाहिए। अगर कोई पर्सनल तौर पर मदद करना चाहता है, तो हमारा संविधान उसकी इजाजत देता है। लेकिन हम खून पसीने की गाढ़ी कमाई को जाया नहीं होने देंगे। हम उस पैसे का इस्तेमाल विकास कार्यों में करेंगे।

गौरतलब है कि हाल ही में असम सरकार ने अपने राज्य के सरकारी मदरसों को बंद करने का फैसला लिया है। असम के शिक्षा मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहना था कि राज्य के मदरसा शिक्षा बोर्ड को भंग कर दिया जाएगा। सरकार द्वारा संचालित सभी मदरसों को उच्च विद्यालयों में तब्दील कर दिया जाएगा। इन्होंने कहा कि इसके लिए नवंबर में अधिसूचना जारी की जाएगी। हालांकि असम सरकार ने ये स्पष्ट किया है कि निजी मदरसों को वो बंद करने नहीं जा रहे हैं। ये फैसला सरकारी मदरसों को बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए रेगुलर स्कूलों में बदल के लिए लिया गया है। शिक्षा मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा था कि मदरसे में पढ़ रहे अधिकतर बच्चे डॉक्टर या इंजीनियर बनना चाहते हैं। वे इस बात से वाकिफ नहीं है कि मदरसा नियमित स्कूल नहीं है। संस्कृत विद्यालयों को कुमार भास्करवर्मा संस्कृत विश्वविद्यालय को सौंपकर शिक्षण एवं अध्ययन केंद्रों में तब्दील किया जाएगा। जहां भारतीय संस्कृति, सभ्यता और राष्ट्रवाद का अध्ययन कराया जाएगा। ये कदम इसलिए उठाया गया है, ताकि इन छात्रों को भी असम माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सेबा) के तहत नियमित शिक्षा मिल सके।

असम सरकार के इस फैसले को लेकर मध्य प्रदेश सरकार की कैबिनेट मंत्री उषा ठाकुर का ये बयान है और इन्होंने भी अपने राज्य के सरकार से मदरसों को दी जाने वाली सरकारी ग्रांट बंद किए जाने की मांग की है।

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