समाचार

हाथरस कांड: पीड़िता का इलाज करने वाले दो डॉक्टर्स निलंबित, जांच के लिए हॉस्पिटल पहुंची थी CBI

उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक दलित लड़की के साथ  गैंगरेप और हत्या के मामले की जांच में सीबीआई जुटी हुई है। सीबीआई ने पीड़ित परिवार से लेकर चारों आरोपियों के घर छापेमारी करके उनके परिवार वालों से पूछताछ की है। वही पिछले दिनों सीबीआई ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जेएन मेडिकल कॉलेज में उन डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ से पूछताछ की थी, जिन्होंने पीड़िता का इलाज किया था।

इसके 1 दिन बाद ही एएमयू के वाइस चांसलर ने कड़ा एक्शन लेते हुए लीव वैकेंसी पर कार्यरत जेएन मेडिकल कॉलेज के सीएमओ डॉ० मोहम्मद अजीमुद्दीन मलिक और डॉक्टर उबेद इम्तियाज उल हक को पद से हटा दिया है। ट्रॉमा सेंटर और इमरजेंसी के कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज डॉ. एसएएच जैदी ने नोटिस जारी करते हुए कहां है कि, दोनों डॉक्टर्स को निलंबित किया जाता है और वह दोनों हॉस्पिटल में किसी भी प्रकार की ड्यूटी परफॉर्म ना करें।

कोरोना महामारी के दौरान दी है सेवाएं

निलंबित किए गए दोनों डॉक्टर्स वीसी के इस फैसले से नाराज हैं। दोनों डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान जब कोई भी डॉक्टर ड्यूटी नहीं करना चाहता था उस वक्त उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना हॉस्पिटल में ड्यूटी की। इसके बावजूद हॉस्पिटल ने उनके प्रति कोई सहानुभूति नहीं जताई।  डॉक्टर मोहम्मद अजीमुद्दीन मलिक ने कहा कि, ”अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडीकल कॉलेज में कार्यरत 6 डॉक्टरों के कोरोना संक्रमित होने पर उन्हें ड्यूटी पर बुलाया गया था। उस भयंकर दौर में कोई भी ड्यूटी करना नहीं चाहता था। तब उन्होंने वहां ड्यूटी की। इसी दौरान ढाई माह बाद हाथरस कांड हुआ‌। जिसमें उन्होंने मीडिया को कोई इंटरव्यू नहीं दिया‌। किसी मीडिया कर्मी ने यदि कॉल पर एफएसएल संबंधित कोई ओपिनियन पूछी तो दे दी  गई। जो कि वे डॉक्टर की हैसियत से दे सकते हैं।”

वीसी को लिखा है पत्र

डॉक्टर उबेद इम्तियाज उल हक ने बताया कि, सीबीआई की टीम पूछताछ के लिए हॉस्पिटल आई थी। लेकिन सीबीआई ने उनसे डायरेक्टली कोई सवाल जवाब नहीं किए। इसके बाद उन्हें सीएमओ मेडीकल इंचार्ज डॉक्टर एसएएच जैदी की तरफ से एक नोटिस जारी किया गया। जिस नोटिस में लिखा है कि, आज से उन दोनों डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त की जाती हैं। डॉक्टर ने आगे कहा कि, उन दोनों ने दूसरी जगह से नौकरी छोड़ी और कोरोना महामारी के दौरान भी दिन रात एक कर के हॉस्पिटल में ड्यूटी की। उनका कहना है कि उस दौरान कोई भी डॉक्टर यहां पर काम करने के लिए तैयार नहीं था। हॉस्पिटल के 6 डॉक्टर कोरोना संक्रमित पाए गए थे। जिसकी वजह से सबके मन में डर बैठा हुआ था। उनका कहना है कि नोटिस में उन्हें निलंबित करने की कोई वजह नहीं दी गई है। उन्हें पता होना चाहिए कि किस वजह से उनकी सेवाएं समाप्त की जा रही है। उनका मानना है कि उन दोनों डॉक्टर्स की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने इस मामले में हॉस्पिटल के वीसी को लेटर भी लिखा है। उन्हें उम्मीद है कि वीसी साहब उनके भविष्य के बारे में सोच कर सही फैसला लेंगे।

ये भी पढ़ें- PPE किट पहन कोरोना मरीजों के सामने जमकर नाचा डॉक्टर, Video देख ऋतिक रोशन ने कही ‘यह’ बात

Related Articles

Back to top button