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भारत के ‘नाग’ से उड़ेगी दुश्मन की धज्जियां, एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का परिक्षण हुआ पूरा

आज का दिन भारत के लिए बहुत खास रहा। दरअसल गुरुवार सुबह राजस्थान के पोखरन फील्ड में सुबह 6 बज कर 45 मिनट पर नाग एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का फाइनल ट्रायल वारहेड के साथ सफलतापूर्वक पूर्ण हुआ। इस मिसाइल को डीआरडीओ (Defence Research and Development Organisation) द्वारा विकसित किया गया है।

इस ट्रायल के सफल परीक्षण के साथ ही अब ये मिसाइल भारतीय सेना में शामिल हो जाएगी। दिलचस्प बात ये है कि यह परीक्षण भी ऐसे समय पर किया गया है जब इंडिया और चाइना के मध्य एलएसी पर विवाद गरमा रहा है। डीआरडीओ यानि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के अधिकारियों ने यह जानकारी मीडिया को देते हुए कहा है कि भारत नाग एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का सफलतापूर्वक अंतिम परीक्षण करने में कामयाब रहा है।


ये नाग मिसाइल थर्ड जनरेशन की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल है। इसे नाग मिसाइल कैरियर (NAMICA) से दागने पर यह 4 से 7 किलोमीटर की सीमा तक अपने लक्ष्य को टारगेट कर सकती है। इसे दिन और रात दोनों समय सटीकता से इस्तेमाल किया जा सकता है। बता दें कि सेना को 2.5 किमी से अधिक की स्ट्राइक रेंज वाली तीसरी पीढ़ी के एटीजीएम की आवश्यकता थी। फिलहाल वे दूसरी पीढ़ी के मिलान 2T और कोंकुर एटीजीएम का इस्तेमाल कर रही है। ऐसे में तीसरी पीढ़ी की यह मिसाइल उन्हें दुश्मन के टैंकों को रोकने में अहम सहयोग प्रदान करेगी।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रक्षा मंत्रालय द्वारा साल 2018 में इडियन आर्मी के लिए 300 नाग मिसाइलों और 25 NAMICA का अधिग्रहण किया गया था। बीते दो महीनों में इंडिया ने करीब 13 मिसाइलों का परीक्षण पूरा किया है। वहीं आने वाले समय में कुछ और मिसाइलें लॉन्च हो सकती है।

खबरों की माने तो इंडिया जल्द ही एक ऐसी मिसाइल का परीक्षण करने वाला है जिसकी टारगेट क्षमता 10 किमी से अधिक की होगी। मतलब ये मिसाइल दस किलोमीटर दूर से ही दुश्मन के टंक की धज्जियां उड़ाने में सक्षम होगी। इसका परीक्षण भी आने वाले दो महीनों में राजस्थान के पोखरण फील्ड के फायरिंग रेंज में किया जाएगा।

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