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TRP घोटाले के सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद महाराष्ट्र सरकार मुश्किल में, लिया यह बड़ा फैसला

महाराष्ट्र राज्य के किसी भी केस को हल करने के लिए अब सीबीआई को केंद्रीय सरकार के साथ-साथ महाराष्ट्र सरकार की अनुमति भी लेनी होगी। दरअसल महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने राज्य में शक्तियों और न्यायक्षेत्र के इस्तेमाल की सहमति को वापस लेने संबंधी आदेश बुधवार को जारी किया है। जिसके बाद इस राज्य में शक्तियों और न्यायाक्षेत्र के इस्तेमाल के लिए आम सहमति नहीं होगी। यानी अब महाराष्ट्र में हर केस की जांच से पहले केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) को राज्य सरकार से इजाजत लेनी होगी और इजाजत मिलने के बाद ही केस की जांच की जा सकेगी। उद्धव ठाकरे सरकार के इस फैसले से केंद्र और राज्य सरकार के बीच टकराव बढ़ने की आशंका बढ़ गई है।

क्या है महाराष्ट्र सरकार का साज़िश

अपने निजी प्रोपगॅंडा को साधने के लिए महाराष्ट्र सरकार सुशांत सिंह राजपूत केस की जांच सीबीआई से नहीं करवाना चाहती थी। लेकिन शक्तियों और न्यायक्षेत्र के इस्तेमाल की सहमति के चलते महाराष्ट्र सरकार को ये केस सीबीआई को सौंपना पड़ा।

अब यूपी सरकार की सिफारिश पर सीबीआई को टीआरपी घोटाले की जांच सौंपी गई है। यूपी सरकार ने सीबीआई को टीआरपी घोटाले की जांच सौंपने की सिफारिश करते हुए केंद्रीय सरकार से ये कहा था कि इस घोटले के मामले अलग-अलग राज्यों से सामने आ रहे हैं। इसलिए इसकी जांच सीबीआई को करनी चाहिए। योगी सरकार की इस सिफारिश को केंद्रीय सरकार ने मान लिया था और ये केस सीबीआई को सौंप दिया गया है।

महाराष्ट्र सरकार नहीं चाहती है की इस की जांच CBI करे, क्यों की सीबीआई जांच से सच्चाई सामने आ जायेगी ।
महाराष्ट्र सरकार अपनी एक तरफ़ा कार्रवाई से अर्णव गोस्वामी और रिपुब्लिक टीवी को फंसाना चाहती है और इंडिया टुडे जिस का नाम TRP घोटाले में पहले से मौजूद है उसे बचाना चाहती है। सीबीआई जांच से महाराष्ट्र सरकार के मंसूबों पर पानी फिर सकता है

आपको बता दें कि महाराष्ट्र राज्य से ही सबसे पहले टीआरपी घोटाला सामने आया था। वहीं यूपी सरकार की सिफारिश पर ये केस सीबीआई को सौंपा गया है। ऐसे में सीबीआई महाराष्ट्र राज्य में आकर भी अपनी जांच कर सकती थी। लेकिन अब महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी किए गए आदेश के बाद ऐसा नहीं हो सकेगा। सीबीआई को अगर महाराष्ट्र में कोई भी रेड या कार्रवाई करनी होगी। तो सबसे पहले उसे राज्य सरकार की मंजूरी लेनी होगी।

सुशांत केस की जांच पर नहीं होगा असर

सुशांत सिंह राजपूत मामले पर महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले का कोई भी असर नहीं पड़ेगा और इस केस की जांच सीबीआई ही करेगी। वहीं महाराष्ट्र सरकार से गैर भाजपा सरकार जैसे की आंध्र प्रदेश, कोलकाता, छत्तीसगढ़ और राजस्थान सरकार ने भी सीबीआई से सामान्य सहमति वापिस ली थी। चंद्रबाबू नायडू सरकार ने 8 नवंबर, 2018 को ये फैसला लिया था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी सीबीआई को दी गई सामान्य सहमति वापस ले ली थी। वहीं छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने 10 जनवरी, 2019 को सीबीआई को राज्य में जांच की दी गई सामान्य सहमति को वापस लिया था। जबकि राजस्थान की गहलोत सरकार ने भी हाल ही में ये फैसला लिया था। वहीं अब इस सूची में महाराष्ट्र राज्य का नाम भी शामिल हो गया है।

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