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विकास दुबे के सरेंडर को लेकर दुविधा में है उज्जैन पुलिस, केस पर आ गया है एक नया मोड़

बिकरू कांड के आरोपी विकास दुबे का एनकाउंटर हुए महीने गुजर चुके हैं। विकास दुबे पर यूपी पुलिस ने पांच लाख रुपए की इनाम राशि रखी थी। अब ये सवाल उठ रहा है कि आखिर ये इनाम की राशि किसे दी जाए। खबरों के अनुसार बिकरू कांड के आरोपी विकास दुबे पर घोषित की गई पांच लाख की इनामी राशि उज्जैन पुलिस को दी जा सकती है। क्योंकि उज्जैन पुलिस ने ही इस अपराधी को पकड़कर यूपी पुलिस के हवाले किया था। कहा जा रहा है कि डीजी मुख्यालय ने इससे संबंधित प्रक्रिया शुरू कर दी है और राशि के लिए उज्जैन पुलिस के दावे का इंतजार है।

पहले ये कहा जा रहा था कि शायद कानुपर पुलिस को ये इनाम की राशि दी जा सकती है। लेकिन कानुपर पुलिस ने विकास दुबे को नहीं पकड़ा था। इसलिए यहां की पुलिस दावा नहीं कर रही है। आईजी रेज कानपुर मोहित अग्रवाल ने बताया कि विकास दुबे को कानपुर पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया था। इसलिए इनामी राशि पर शहर पुलिस दावा नहीं करने वाली है।

इस तरह से आया था पकड़ में

आपको बता दें कि 10 जुलाई को महाकाल मंदिर उज्जैन में विकास दुबे की गिरफ्तारी हुई थी। बिकरू में दो जुलाई की रात आठ पुलिस वालों को मारने के बाद से विकास दुबे फरार था। जिसके चलते यूपी पुलिस ने इसपर इनाम राशि रखी थी। वहीं 10 जुलाई की सुबह विकास दुबे ने महाकाल मंदिर उज्जैन में अपना सरेंडर कर दिया था। जिसके बाद इसे उज्जैन पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया था और बाद में कानपुर पुलिस को विकास दुबे सौंप दिया गया था।

हालांकि विकास दुबे को पकड़वाने में मंदिर के लोगों का हाथ भी था। क्योंकि मंदिर के लोगों ने ही उज्जैन पुलिस को विकास दुबे की जानकारी दी थी। वहीं 11 जुलाई को विकास दुबे एनाकाउंट में मारा गया था। इस पूरी घटना को तीन महीने बीत चुके हैं और अभी तक किसी ने भी इनाम राशि पर दावा नहीं किया है। इसलिए डीजी मुख्यालय ने तय किया है कि ये राशि उज्जैन पुलिस को दी जाएगी।

इस वजह से नहीं किया उज्जैन पुलिस ने दावा

दरअसल विकास दुबे ने खुद को सरेंडर किया था। जिसके बाद ही उसे उज्जैन पुलिस इसे पकड़ पाई थी। इसके अलावा ये भी कहा जा रहा है कि महाकाल मंदिर के निजी सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़कर था और उज्जैन पुलिस को सौंपा था। शायद इसलिए उज्जैन पुलिस विकास दुबे पर रखी गई इनाम राशि पर दावा नहीं कर रही है।

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