स्वास्थ्य

जाने एक स्वस्थ व्यक्ति को कितना नमक दिन भर में खाना चाहिए, ज़्यादा नमक खाना होता है खतरनाक

नमक एक ऐसा पदार्थ है जिसके बिना खाने का ज़ायका अधूरा है. नमक खाने का स्वाद बढ़ा भी सकता है और बिगाड़ भी सकता है. लेकिन अधिकतर लोग यह बात नहीं जानते कि नमक सेहत के साथ भी वही करता है जो स्वाद के साथ, क्योंकि कहते हैं न किसी भी चीज़ की अति अच्छी नहीं होती.

कुछ लोगों को ज़्यादा नमक खाने की आदत होती है. खाने में नमक ठीक होने के बावजूद वह अधिक नमक लेकर खाते हैं, जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है. हालांकि, तय मात्रा से कम नमक खाने पर भी समस्या होने लगती है. ऐसे में आज की इस स्टोरी में हम आपको बताएंगे कि कितना नमक खाना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है.

एक शोध की मानें ज्यादा नमक खाने से शरीर को इस कदर नुकसान पहुंचाता है कि यदि खाने में नमक की मात्रा कम भी कर दी जाए तब भी नुकसान कम नहीं होता. जानकारों का मानना है कि लंबे समय तक अधिक नमक लेने के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, जिससे दिल को नुकसान पहुंचता है. इसलिए तय मात्रा के अंदर ही नमक खाना चाहिए.

कई डॉक्टरों और विशेषज्ञों के मुताबिक, ज्यादा नमक के सेवन से दिल की बीमारियों के होने का खतरा भी बढ़ जाता है. साथ ही इससे हाई ब्लड प्रेशर की भी समस्या भी हो जाती है. इतना ही नहीं, यदि आप जरुरत से ज्यादा नमक खाएंगे तो डिहाइड्रेशन होने के भी चांसेज रहते हैं.

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की मानें तो व्यक्ति को हर दिन 2,300 मिलीग्राम नमक का ही सेवन करना चाहिए. हालांकि, इसकी आदर्श मात्रा 1,500 मिलीग्राम ही बताई जाती है. इसलिए बेहतर होगा कि कोशिश करें कि रोजाना इससे अधिक नमक का सेवन न करें. लेकिन लोगों का ध्यान इस बात पर नहीं जाता है और वे जाने-अनजाने में कई तरह की बीमारियों को निमंत्रण दे देते हैं.

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक, अमेरिका में रह रहे लोग हर रोज तय मात्रा से अधिक नमक का सेवन करते हैं. यहां रोजाना एक व्यक्ति तकरीबन 3,400 मिलीग्राम नमक खाता है. दरअसल, अमेरिका में आधे से ज्यादा लोग पैक्ड फूड का सेवन करते हैं, जिसके जरिये उनके शरीर में नमक की अधिक मात्रा पहुंचती है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक साबित होती है.

वैज्ञानिकों ने पंद्रह साल तक 12000 लोगों पर शरीर पर सोडियम और पोटैशियम के असर को समझने के लिए शोध किया था. यह शोध खत्म होते-होते 2270 लोगों की मौत हो गयी थी. इनमें से 825 लोग दिल के दौरे के कारण मरे थे, जबकि 433 की मौत स्ट्रोक या ब्लड क्लॉट के कारण हुई थी.

शोध में यह बात सामने आई थी कि अधिकतर लोग ज्यादा सोडियम और कम पोटैशियम लेने की गलती करते हैं. वे ये नहीं जानते कि सोडियम से ब्लड प्रेशर बढ़ता है, तो पोटैशियम से कम होता है. यह प्रक्रिया शरीर के संतुलन को बनाए रखने में व्यक्ति की मदद करता है. ज्यादा सोडियम और कम पोटैशियम लेने वाले लोग जल्दी मौत का शिकार हो जाते हैं. खासतौर पर इनमें से आधे लोगों में दिल का दौरा पड़ने के आसार 200 फीसदी तक बढ़ जाते हैं.

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