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महाभारत के अनुसार ये 5 लोग हमेशा धन की कमी झेलते हैं, इनके घर नहीं पधारती मां लक्ष्मी

चाणक्य नीति (Chanakya Niti) के बारे में आप सभी ने बहुत बार सुना होगा। ऐसी ही एक और नीति है जिसका नाम विदुर नीति (Vidur Niti) है। विदुरजी महाभारत के समय के सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में से एक थे। उन्हें हर विषय पर गहरा और सटीक ज्ञान प्राप्त था। वे जब भी किसी विषय पर अपनी राय देते थे तो उसका सामने वाले को पूर्ण लाभ मिलता था। उनकी कही हर बात और निर्णय काफी सोच विचार के बाद कहा जाता था।

कई विद्वान तो ये भी मानते हैं कि पांडवों को महाभारत में जो जीत हासिल हुई थी उसमें विदुर जी की कूटनीति का भी बड़ा योगदान था। ऐसे में लोग आज भी उनकी राय अलग अलग टॉपिक्स पर जानना चाहते हैं। आज हम आपको उनकी उस नीति के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें उन्होंने बताया है कि किस तरह के लोगों के पास मां लक्ष्मी नहीं आती है। इस टाइप के लोग हमेशा धन की कमी झेलते हैं।

विदुर जी कहते हैं कि – अत्यार्यमतिदातारमतिशूरमतिव्रतम्। प्रज्ञाभिमानिनं चैव श्रीभर्यान्नोपसर्पति।।

अत्यंत श्रेष्ठ

विदुर नीति के अनुसार जो व्यक्ति अत्यंत श्रेष्ठ होता है उसे मां लक्ष्मी की कृपा नहीं मिलती है। इसकी वजह ये है कि उस व्यक्ति को अपनी श्रेष्ठता पर बहुत घमंड होता है। लक्ष्मीजी को ऐसे घमंडी और अहंकारी लोग बिल्कुल भी पसंद नहीं आते हैं।

अतिशय दानी

विदुरजी के अनुसार अतिशय दानी टाइप के लोगों के घर भी मां लक्ष्मी नहीं पधारती है। इसका कारण यह है कि अतिशय दानी व्यक्ति दान करने से पहले अपने घर परिवार और उसके भविष्य के बारे में नहीं सोचता है। उसे ये अंदाजा नहीं रहता है कि दान करने के बाद उसके घर भी कुछ शेष बचेगा या नहीं।

अति शूरवीर

विदुर नीति की माने तो अति शूरवीर यानि बहुत बहादुर व्यक्ति के पास भी मा लक्ष्मी नहीं आती है। इसकी वजह यह है कि उस व्यक्ति को अपनी बहादुरी और शक्ति का बहुत घमंड होता है। उसे लगता है कि अपने बल पर वह पूरी दुनिया पर राज कर सकता है।

अत्यधिक व्रत और नियमों का पालन करने वाले

विदुर नीति के मुताबिक जो व्यक्ति व्रत और नियमों का पालन अधिक करता है उसके ऊपर मां लक्ष्मी की कृपा नहीं होती है। इसकी वजह ये है कि ऐसे व्यक्ति कोई धन का लालच या आवश्यकता ही नहीं होती है।

बुद्धिमता का घमंडी

अपनी बुद्धि पर अहंकार करने वाले लोगों के घर भी मां लक्ष्मी नहीं जाती है। ऐसे व्यक्ति को इस बात का अभिमान होता है कि वह अपनी बुद्धि के बल पर ही हमेशा धनवान बना रहेगा।

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