शिवजी के नैत्र से हुई थी चांदी की उत्पत्ति, जानिये चांदी के वर्तन में खाने के फायदे

चांदी की धातु को शास्त्रों में काफी पवित्र माना जाता है और इस धातु से कई प्रकार के फायदे भी जुड़े हुए हैं। चांदी की धातु के बर्तनों का प्रयोग सदियों से किया जा रहा है। पहले के समय में राजा महाराज केवल चांदी की धातु के बर्तनों का प्रयोग ही किया करते थे और इनमें ही भोजन करते थे।
आज भी चांदी के बर्तनों में खाना खाने की परंपरा कई लोगों ने कामयाब रखी है। दरअसल चांदी के बर्तनों में खाना खाने से सेहत सही बनीं रहती है और यहां वजह है कि आज भी लोग चांदी की धातु के बर्तनों का प्रयोग खाना खाने के लिए करते हैं। ग्रंथों में इस पवित्र धातु का जिक्र किया गया है। देवी पुराण के मुताबिक पूजा के दौरान जब भगवान को भोग लगाया जाता है, तो वो भोग चांदी के बर्तनों में ही रखना चाहिए। क्योंकि यही धातु सबसे पवित्र होती है और इस धातु में रखा गया खाना शुद्ध होता है।
शिव जी के तीसरे नैत्र से उत्पन्न हुई है चांदी
मत्स्य पुराण में भी चांदी को शुभ बताया गया है। इस पुराण में चांदी की उत्पत्ति का उल्लेख भी किया गया है और लिखा गया है कि ये धातु शिव जी के तीसरे नैत्र से उत्पन्न हुई है। इसलिए ये सबसे पवित्र धातु है। पितरों को ये धातु काफी प्रिय है और इसी कारण से श्राद्ध और पितरों की पूजा में चांदी के बर्तनों का ही प्रयोग करने का नियम है।
चांदी की धातु के लाभ
आयुर्वेद में चांदी की धातु को हर रुप से उत्तम माना गया है। आयुर्वेद में कई तरह के रोगों को सही करने में चांदी की धातु का प्रयोग किया जाता है। साथ में ही चांदी के बर्तनों में खाना खाने की ही सलाह दी जाती है। तो आइए जानते हैं कि चांदी के बर्तन में खाना खाने से क्या लाभ जुडे़ हुए हैं।
- चांदी के बर्तनों में खाना खाने से वात रोग से राहत मिलती है।
- आंखों के रोग, एसिडिटी और शरीर की जलन दूर करने में भी ये धातु मददगार होती है।
- जो लोग मानसिक बीमार से परेशान हैं वो इसी धातु के बर्तनों में खाना खाएं।
- चांदी के गिलास में पानी पीने से नींद सही से आती है और शुगर लेवल भी सामान्य बना रहता है। इतना ही नहीं रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत हो जाती है।
- चांदी की धातु खाने की चीज को कीटाणुओं से बचाती है। इसलिए छोटे बच्चों को इसी धातु के बर्तनों में खाना खिलाना चाहिए।
- खाने की शुद्धता बढ़ाने के लिए भी ये धातु उत्तम मानी गई है। चांदी के बर्तनों में पानी, दूध या कोई और तरल पदार्थ रखने से वो शुद्ध हो जाते है।
- चांदी की तासीर ठंडा होती है और इसमें खाना खाने से मन शांत रहता है।
- चांदी की धातु बैक्टीरिया फ्री होती है। 100 फीसदी बैक्टीरिया फ्री होने के कारण ये इंफेक्शन से बचाती है।
- इसकी प्रकृति शरीर को ठंडा रखती है। इससलिए गर्मी के मौसम में चांदी की धातु में ही खाना खाना चाहिए।
- चांदी के बर्तन में खाना खाने से तन और मन स्थिर और शांत होता है।
चांदी के धातु के इतने सारे फायदे पढ़ने के बाद आप इसी धातु के बर्तनों का प्रयोग करें और इनमें ही खाना खाया करें।