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वाजपेयी वीर सावरकर को देना चाहते थे भारत रत्न, लेकिन राष्ट्रपति ने इस वजह से नहीं दिया था जवाब

भारतीय जनता पार्टी हमेशा से ही वीर सावरकर यानी विनायक दामोदर सावरकर को एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में देखती हैं। भाजपा के नेताओं को वीर सावरकर के गुणगान गाते हुए देखा जाता है। 2014 में प्रधानमंत्री मोदी भी शपथ लेने के बाद वीर सावरकर की तस्वीर को सर झुका कर प्रणाम करते हुए नजर आए थे। वीर सावरकर की विचारधारा महात्मा गांधी से बिल्कुल अलग थी। इसी वजह से उन्हें कई लोगों द्वारा उतना सम्मान नहीं दिया जाता।

हालांकि भाजपा ने हमेशा से ही उन्हें सराहना और सम्मान देने की कोशिश की है। यहां तक की पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वीर सावरकर को भारत रत्न देने की सिफारिश की थी। लेकिन उनकी सिफारिश को टाल दिया गया। 

भारत रत्न देने के खिलाफ थे राष्ट्रपति

अटल बिहारी वाजपेयी चाहते थे कि वीर सावरकर को देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न दिया जाए। इसके लिए उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति केआर नारायणन को वीर सावरकर को भारत रत्न बनाने के संबंध में फाइल भेज कर सिफारिश की थी। लेकिन उनकी उस फाइल को नजरअंदाज कर दिया गया। बताया जाता है कि केआर नारायणन वीर सावरकर को भारत रत्न की उपाधि देने के खिलाफ थे। उनका मानना था कि ऐसा करने से राजनीतिक विवाद हो सकते हैं।

मस्जिद विवाद को बताया महात्मा गांधी की हत्या के समान

केआर नारायणन ने राज्यसभा के सत्र के दौरान 1992 में हुए मस्जिद विवाद को महात्मा गांधी की हत्या जैसा बताया था। उन्होंने इसे एक बहुत ही दुखद घटना बताया था। उन्होंने आगे यह भी कहा कि जो हिंदू कट्टरपंथी लोग मस्जिद विध्वंस की खुशी मना रहे हैं। वही लोग बात में वीर सावरकर का सपोर्ट भी कर रहे हैं। वीर सावरकर हमेशा से ही हिंदू महासभा के कट्टरवादी मोर्चे को लीड करते हुए आए हैं। आज उसी से जुड़े लोग मस्जिद टूटने को अपनी जीत कह रहे हैं जो लोग अपनी कट्टरवादी नीति की वजह से महात्मा गांधी की हत्या के जिम्मेदार बने थे।

भारत रत्न से हटा दिया गया था नाम

अटल बिहारी वाजपेई ने साल 2000 में राष्ट्रपति केआर नारायणन को वीर सावरकर को भारत रत्न देने की फाइल सौंपी थी। उसी दौरान मशहूर शहनाई वादक बिस्मिल्लाह खान को भी भारत रत्न दिए जाने की बात चल रही थी। वाजपेयी सरकार ने इससे कोई आपत्ति नहीं जताई थी।

लेकिन जब उन्होंने वीर सावरकर की सिफारिश की तो राष्ट्रपति ने इसका कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने उनकी फाइल को बस साइड में रख दिया। वहीं साल 2001 में जब वह अटल बिहारी वाजपेयी से मिले थे तो उन्होंने बताया कि, वीर सावरकर का नाम भारत रत्न की लिस्ट से हटा दिया गया है।

गांधी जी की हत्या के लिए हुए हैं गिरफ्तार

साल 1948 में महात्मा गांधी की हत्या के छठवें दिन वीर सावरकर को गाँधी की हत्या के षड्यंत्र में शामिल होने के लिए मुंबई से गिरफ़्तार कर लिया गया था। हाँलाकि उन्हें फ़रवरी 1949 में बरी कर दिया गया था। लेकिन इसके बाद से ही उनको लेकर राजनीति में कई प्रकार के विवाद होने लगे। वे फिर कभी किसी पार्टी का हिस्सा नहीं बने। लेकिन भारतीय जनता पार्टी में उनका नाम आज भी पूरे सम्मान के साथ लिया जाता है।

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