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किसान के बेटे ने मेहनत के दम पर पाई नासा में नौकरी, 55 लाख से ज्यादा है सालाना पैकेज

सिसौना गांव निवासी गुरजीत सिंह ने मेहनत के दमपर नासा में नौकरी पा ली है। गुरजीत सिंह एक साधारण परिवार से नाता रखते हैं और इनके पिता एक किसान है। किसान परिवार में जन्में गुरजीत सिंह ने कई सालों तक मेहनत की और आज ये नासा में जाकर काम कर रहे हैं।

सरकारी स्कूल से की पढ़ाई

गुरजीत सिंह के पिता के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो उन्हें किसी अच्छे प्राइवेट स्कूल में पढ़ा पाता है। लिहाजा उन्होंने अपने बेटे का दाखिला गांव के ही सरकारी स्कूल में करवा दिया। गुरजीत सिंह ने मन लगाकर पढ़ाई की और आज नासा के साथ काम करने का मौका इन्हें मिला है।

उत्तराखंड के रहने वाले गुरजीत सिंह ने वर्ष 2003 में राजकीय इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की थी। जिसके बाद इन्होंने वर्ष 2009 में गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में दाखिल लिया और यहां से इन्होंने बीटेक की डिग्री हासिल की। इसके बाद इन्होंने आईआईटी खड़गपुर में दाखिला लिया और यहां से सॉयल एंड वाटर कंजरवेशन इंजीनियरिंग में एमटेक किया।

नासा जाने के लिए की पीएचडी

गुरजीत सिंह का सपना नासा के साथ काम करने का था। इसलिए इतनी डिग्री लेने के बाद भी ये नहीं रुके और इन्होंने भुवनेश्वर के एक कॉलेज से पीएचडी की। ताकि इनको नासा में नौकरी मिल सके। वहीं पीएचडी करने के बाद इन्हें नासा में नौकरी मिल गई और नासा की और से इन्हें सालाना 55 लाख का पैकेज दिया जा रहा है।

गुरजीत ने शोध पूरा करने के बाद नासा में नौकरी के लिए आवेदन किया। वहीं इनकी आवेदन को स्वीकार कर लिया गया और नासा में जेपीएल (जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी) में पोस्ट डॉक्ट्रल स्कॉलर में इनका चयन हो गया। जिसके बाद गुरजीत ने बिना देरी किए नासा को ज्वांइन कर लिया। इन्हें अब 55 लाख से अधिक का सालाना पैकेज मिल रहा है।

नासा के अलावा गुरजीत सिंह का चयन जर्मनी की एक कंपनी में भी हुआ था। गुरजीत ने बताया कि इससे पहले उनका चयन फरवरी में जर्मनी की एक कंपनी में हुआ था। लेकिन उन्होंने इस कंपनी को ज्वांइन नहीं किया।

गुरजीत के पिता सुरजीत सिंह अपने बेटे की इस कामयाबी से काफी खुश हैं। इनके पिता के अनुसार वो किसान हैं और उनकी मां गुरमीत कौर गृहणी हैं। गुरजीत के दादा गुरदयाल सिंह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे और बड़ी बहन सुरेंद्र कौर अल्मोड़ा जिले के सरकारी स्कूल में प्रवक्ता हैं। जबकि छोटा भाई रुड़की आईआईटी से एमबीए कर पुणे में स्टार्टअप का कार्य कर रहा है।

वहीं अपने गांव के लड़के का चयन नासा में होने से सितारगंज ब्लॉक क्षेत्र के लोग काफी खुश है। यहां के विधायक सौरभ बहुगुणा ने भी गुरजीत सिंह के नासा में चयन पर खुशी जाहिर की और परिवार को बधाई दी है। विधायक ने कहा कि गुरजीत का नासा में चयन होना राज्य के लिए गौरव की बात है और उनके क्षेत्र के हर युवा को गुरजीत सिंह से प्रेरणा लेनी चाहिए।

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