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बड़े भाई की 11 बार तो छोटे की 6 बार लगी सरकारी नौकरी, लेकिन IAS बनने की चाह में सब को ठुकराया

इस दुनिया में हर व्यक्ति अपने जीवन में एक अच्छी कामयाबी पाना चाहता है, जिसके लिए वह दिन-रात मेहनत करता है परंतु सभी लोगों को अपने जीवन में मनचाही सफलता नहीं मिल पाती है क्योंकि सफलता के मार्ग में बहुत सी कठिनाइयां उत्पन्न होती हैं। जो इन कठिनाइयों को पार कर लेता है। वह अपने जीवन में सफल जरूर होता है। सफलता पाने की चाहत में मेहनत तो हर कोई करता है परंतु लोग अपने जीवन की परिस्थितियों के आगे हार मान जाते हैं, जिसके चलते उनको निराशा हाथ लगती है।

वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो अपने जीवन की तमाम मुश्किलों को पार करते हुए आगे बढ़ते रहते हैं, जिसका परिणाम यह होता है कि उनको अपने मन मुताबिक कामयाबी हासिल हो जाती है। लोग पढ़-लिख कर एक अच्छी नौकरी पाना चाहते हैं। ज्यादातर लोगों का यही सपना होता है कि वह सरकारी नौकरी करें लेकिन आजकल के समय में सरकारी नौकरी मिलना इतना आसान नहीं है।

अगर हम गरीब परिवारों की बात करें तो आज भी सरकारी नौकरी मिलना दूर की बात है। अगर किसी गरीब परिवार का कोई व्यक्ति अपनी मेहनत के दम पर सरकारी नौकरी हासिल कर लेता है तो पूरे क्षेत्र में उसके ही चर्चा होती है और परिवार भी उसका ही उदाहरण देता है। आजकल कि प्रतिस्पर्धा वाले दौर में सरकारी नौकरी पाना एक कड़ी चुनौती है।

आज हम आपको राजस्थान के सीकर में रहने वाले दो भाइयों की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत के दम पर हर प्रतिस्पर्धा में कामयाबी हासिल की है। जी हां, बड़े भाई की 11 बार तो छोटे भाई की 6 बार सरकारी नौकरी लगी लेकिन दोनों ही अपनी-अपनी सरकारी नौकरियों से परे कुछ बड़ा हासिल करने की चाहत रखते हैं।

राजस्थान के सीकर जिले के गांव डोली के मोतीलाल तानाण के दोनों बेटों ने अपनी सफलता के इस सफर में इतनी बार सरकारी नौकरी मिलने के बाद भी वह नहीं रुके और उन्होंने अपना सफर जारी रखा। इन दोनों भाई राकेश कुमार तानाण और महेंद्र गुप्ता तानाण के पिता मोतीलाल गांव में ही खेती बाड़ी का कार्य करते हैं और उनकी माताजी का नाम कमला देवी है, जो ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं हैं, मां घर का कामकाज संभालती हैं। वहीं उनकी एक बहन भी है, जिसका नाम प्रियंका है, जिसकी शादी हो गई है। प्रियंका के पति पेशे से डॉक्टर हैं।

आपको बता दें कि राकेश कुमार तानाण और महेंद्र कुमार तानाण का छोटा भाई संजोग है, जो बीएसी पूरी कर चुका है। वर्तमान में वह भी अपने दोनों भाइयों से प्रभावित होकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगा हुआ है। इन दोनों भाइयों की सफलता की कहानी को लेकर कई मिसाल दी जाती है. सबसे बड़े भाई राकेश कुमार ने अब तक 11 सरकारी नौकरियों में सफलता हासिल की है। वहीं छोटे भाई महेंद्र ने 6 सरकारी पेपर पास कर कामयाबी प्राप्त की है।

आपको बता दें कि राकेश कुमार तानाण ने महज 29 साल की उम्र में 11 बार सरकारी नौकरी हासिल की। मौजूदा समय में राकेश सीकर जिले के गांव रसीदपुरा में सरकारी स्कूल में द्वितीय श्रेणी के शिक्षक पद पर कार्यरत हैं और इनकी पत्नी भी एक अध्यापिका हैं। साल 2010 में राकेश ने एसएससी एमटीएस (SSC MTS) की परीक्षा में सफलता हासिल की, जो इनकी शुरुआत थी। इसके बाद वर्ष 2011 में एसएससी आर्मी (SSC ARMY) की परीक्षा में कामयाबी पाई। इसी वर्ष शिक्षक भर्ती से जुड़ी टेट (TET) और सीटेट (CTET) परीक्षा उत्तीर्ण की।

राकेश ने साल 2011 में ही की एसएससी स्टेनोग्राफर (SSC STENOGRAPHER) परीक्षा पास की। इसी साल के दौरान उसने एसएससी (SSC) की एक और परीक्षा शानदार अंको से उत्तीर्ण की और वर्ष 2011 में ही राजस्थान के थर्ड ग्रेड परीक्षा में सफलता हासिल की। इसके बाद वर्ष 2013 में सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती की परीक्षा उत्तीर्ण की। इस परीक्षा के बाद उन्होंने सीकर में अपनी नौकरी ज्वाइन कर ली।

साल 2015 में राजस्थान के प्रथम ग्रेड व्याख्याता भर्ती की परीक्षा में सफलता प्राप्त की परंतु उन्होंने बांसवाड़ा में पोस्टिंग आने की वजह से ज्वाइन नहीं किया। साल 2018 में राजनीति विज्ञान विषय से उन्होंने प्रथम श्रेणी व्याख्याता परीक्षा में सफलता हासिल की। इसके बाद 2018 में ही अंग्रेजी विषय से प्रथम श्रेणी व्याख्याता परीक्षा पास की।

अगर हम छोटे भाई महेंद्र कुमार तानाण की बात करें तो सबसे पहले इन्होंने लोअर डिविजन क्लर्क (LDC की परीक्षा में सफलता हासिल की। इसके बाद साल 2015 में रेलवे की परीक्षा पास कर स्टेशन मास्टर का पद प्राप्त कर लिया। 2016 में राजस्थान में आयोजित पटवारी की परीक्षा में सफलता हासिल की। इसके बाद 2016 में रेलवे की एनटीपीसी (NTPC) परीक्षा पास की। साल 2017 में ग्राम सेवक की परीक्षा उत्तीर्ण की। फिलहाल वह इसी पद पर कार्यरत हैं। इसके बाद साल 2018 में अपने भाई की तरह द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती की परीक्षा में कामयाबी पाई।

अब आपके मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि इतनी परीक्षाओं को पास करने के लिए तो यह दोनों भाई दिन रात लगे रहते होंगे। तो इन दोनों भाइयों का ऐसा बताना है कि यह खाना पीना करने के बाद एक कमरे की कुंडी लगाकर बंद हो जाते थे और घंटों पढ़ाई में लगे रहते थे। बड़े भाई राकेश की इसी दौरान शादी हो गई थी, पर छोटे भाई महेंद्र की शादी नहीं हुई है। यह बंद कमरे के अंदर अपने लक्ष्य को पाने के लिए मेहनत करते रहते थे। इन दोनों भाइयों का बताना है कि यह सोशल मीडिया से दूर हो गए। इन्होंने आखिरी बार 2013 में सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया था।

दोनों भाइयों ने इतनी बार कामयाबी हासिल की परंतु उनका सफर यहीं पर खत्म नहीं हुआ बल्कि अब वह राजस्थान की आरएएस (Rajasthan Administrative Service) और आईएएस (Indian Administrative Service) जैसी बड़ी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे हुए हैं। बातचीत के दौरान दोनों भाइयों ने बताया कि उन्होंने पढ़ने के लिए रणनीति बनाई। नोट्स के माध्यम से उन्होंने पढ़ाई की। पहले वह टॉपिक को पूरा पढ़ा करते थे, उसके बाद जरूरी नोट्स बनाया करते थे। इसके बाद लगातार नोट्स से ही पढ़ाई करके तैयारी करते थे और खुद को अपडेट रखते थे।

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