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IAC विक्रांत से दोगुनी हुई भारतीय नौसेना की ताकत, जानिए क्या है इसकी खासियत

ताकतवर सेना युद्ध के लिए नहीं बल्कि शांति बनाने के लिए होती हैं। भारत की नौसेना भी शांति बनाने में भरोसा करती है। लेकिन पड़ोसी मुल्कों को बेवजह दिक्कतें पैदा करने की जैसी आदत सी हो चुकी है। इसी बीच भारत ने अपने सामरिक शक्ति बढ़ाते हुए देश का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर तैयार किया है।

जी हां, इस एयरक्राफ्ट से भारतीय नौसेना की ताकत ताकत दोगुनी हो जाएगी। देश का पहला स्वदेशी इंडीजीनस एयरक्राफ्ट कैरियर (IAC) विक्रांत पूरी तरह नौसेना में शामिल होने को तैयार है। ऐसा बताया जा रहा है कि इस भारत में बना यह सबसे बड़ा युद्धपोत है। भारतीय नौसेना को देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी 2 सितंबर 2022 को आधिकारिक तौर नया स्वदेशी विमान वाहक युद्धपोत IAC विक्रांत सौंपने वाले हैं।

वहीं रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि स्वदेशी युद्धपोत विक्रांत का भारतीय नौसेना में शामिल होने से भारत की समुद्री शक्ति में इजाफा होगा। इसके साथ ही स्वदेशी होने से आत्मनिर्भर भारत की तरफ अग्रसर भारत की एक सकारात्मक तस्वीर गौरवान्वित करने वाला है। यानी कि अब समुद्र में भी भारत की ताकत बहुत जल्द बढ़ने वाली है।

अगर हम इसके निर्माण में खर्च की बात करें, तो इसे बनाने में तकरीबन 20 हजार करोड़ रुपए खर्च हुए हैं और इसका ट्रायल भी शुरू हो चुका है। खुद के एयरक्राफ्ट कैरियर निर्माण और डिजाइन करने की ताकत रखने वाले कुछ चुनिंदा देशों में अब भारत भी शुमार हो चुका है।

जानिए क्या है इसकी खासियत

देश का पहला स्वदेशी इंडीजीनस एयरक्राफ्ट कैरियर (IAC) विक्रांत पूरी तरह नौसेना में शामिल होने को तैयार है। ये पूरी तरह से स्वदेशी युद्धपोत है। अगर हम IAC विक्रांत के वजन की बात करें, तो वह 40 हजार टन है, जिस पर मिग-29K, कमोव-31 और एमएच-60आर समेत 30 फाइटर विमान तैनात किए गए हैं। अगर हम इसके आकार की बात करें, तो इसकी लंबाई 262 मीटर है, जबकि इसकी चौड़ाई 62 मीटर है। वहीं अगर हम इसकी ऊंचाई की बात करें तो वह 59 मीटर है।

इस विमान में 2300 से ज्यादा कंपार्टमेंट हैं, जिसमें 1700 से लोग सवार हो सकते हैं। विक्रांत एक बार में 7500 समुद्री मील की दूरी तय करने की क्षमता रखता है। इसकी टॉप स्पीड की बात करें, तो वह 23 नॉट्स है। महिला अधिकारियों के लिए इसमें अलग से केबिन की व्यवस्था है।

आईएनएस विक्रांत पर रखा गया नाम

आपको बता दें कि वर्ष 2009 में इसको बनाने की शुरुआत की गई थी। इस युद्धपोत को भारतीय नौसेना के इन हाउस डायरेक्टर ऑफ नेवल डिजाइन ने डिजाइन किया। जबकि आईएसी विक्रांत को कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (Cochin Shipyard Limited) ने करीब 20 हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया है।

सबसे दिलचस्प बात यह है कि इसका नाम भारत के पहले एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत के नाम पर रखा गया था। आपको बता दें कि अब आईएनएस विक्रांत देश की सेवा करने के बाद रिटायर हो चुका है। अब उसी के नाम पर देश के बने नए एयरक्राफ्ट कैरियर का नाम IAC विक्रांत रखा गया है। IAC विक्रांत नेवी देश की रक्षा के लिए तैयार है। भारतीय नौसेना में शामिल होने से भारत की समुद्री ताकत में इजाफा होगा।

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