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हिंसा का समर्थन करने वाले शायर मुन्नवर राणा के खिलाफ FIR दर्ज, मानवता विरोधी दिया था बयान

फ्रांस में चल रहे विवाद की आंच के देशों तक फैल रही है, दुनिया के कई मुस्लिम देशों में फ्रांस के राष्ट्रपति का खुले तौर पर विरोध किया जा रहा है। इसके साथ ही उनके पोस्टर को सड़क पर फैला कर रौंदा भी जा रहा है। इससे भारत भी अछूता नहीं रहा है, भारत में भी जगह पर फ्रांस के राष्ट्रपति के बयान का विरोध किया जा रहा है। वहीं कुछ लोग विरोध करने में अपनी सीमा तक लांघ दे रहे हैं। यहां तक कि अदब की दुनिया के नामचीन शायर मुन्नवर राणा तक के बयानों में भी अदब नदारद दिखी जिसका खामियाजा भी उन्हें भुगतना पड़ेगा।

दरअसल लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में इंस्पेक्टर दीपक कुमार पांडेय द्वारा एक प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है। जिसमें उन्होंने लिखाया है कि शायर मुन्नवर राणा के एक टीवी चैनल में दिए गए बयान से आपसी सौहार्दता बिगड़ सकती है। वहीं उन्हें विभिन्न समाजों के प्रति एक डर कायम करने के हिसाब से भी इस बयान को देखा है। इस मामले में आईपीसी की धारा 153 ए, 295 ए, 298,505(1)(बी), 505(2), 67,66 तथा आईटी एक्ट भी लगाया गया है।

FIR पर जल्द की जाएगी कार्यवाही

इंस्पेक्टर दीपक के अनुसार एक टीवी प्रोग्राम के दौरान जो बयान शायर मुन्नवर राणा ने दिया है वो मानवता विरोधी है। उन्होंने अपनी FIR में लिखवाया कि मुन्नवर राणा का बयान इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। मुन्नवर राणा का यह बयान समाज में आपसी ईर्ष्या का भाव उतपन्न कर सकती है, इसके साथ ही आपसी सौहार्द पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है। जो कि देश की शांति के लिए एक तरह का खतरा उत्पन्न कर सकता है। हजरतगंज थाने की इंस्पेक्टर अंजनी पांडेय ने कहा है कि मामला संज्ञान में ले लिया गया है अब जल्द ही इस पर कार्यवाही की जाएगी।

यह है पूरा मामला

दरअसल एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में मुन्नवर राणा ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि अगर उनके माता-पिता या भगवान पर कोई अश्लील कार्टून बनाता है तो वे भी उसकी हत्या कर देंगे। अपने बेफिजूल के तर्क को साबित करने के लिए उन्होंने दलील दी की जिस तरह इस देश में ऑनर किलिंग को जायज मान लिया गया है और आरोपी पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है तो फिर धर्म के लिए की गई हत्या को नाजायज कैसे मान सकते हैं। पूरी दुनिया में इसी तरह से होता आ रहा है, पैगम्बर मोहम्मद का कार्टून दिखा कर उस व्यक्ति ने गलत किया था जिसकी उसे सजा मिल गयी है।

मुन्नवर राणा का यह बयान और यह दलील दोनों ही मानवता विरोधी है। भारतीय संविधान में किसी भी धर्म से ऊपर इंसानियत को रखा है। इस तरह की सोच और बयान देने वालों और निश्चित रूप से भारतीय न्याय प्रणाली के अनुसार सजा अवश्य मिलनी चाहिए।

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