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अर्नब गोस्वामी को फ़साने के लिए उद्धव सरकार ने की थी सोलिड प्लानिंग, 40 लोगों की बनायी थी टीम

रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन चीफ अर्नब गोस्वामी इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। कोर्ट ने इन्हें 18 नवंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा है। हाल ही में पुलिस ने एक खुदकुशी मामले में अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी की थी। ये केस साल 2018 का था, जो कि बंद हो चुका था। लेकिन अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने इस केस को फ़र्ज़ी तरीके से फिर से खोला और अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार कर लिया।

वहीं अब जो खबर सामने आ रही है, उसके अनुसार अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने एक टीम बनाई थी। राज्य के गृह मंत्रालय ने 40 सदस्यीय टीम का गठन किया था। गृह विभाग ने कोंकण रेंज के महानिरीक्षक संजय मोहिते के नेतृत्व में टीम बनाई थी। इस टीम को अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार करने की जिम्मेदीर दी गई थी। जिसके बाद 4 नवंबर को अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार कर लिया गया।

चला ‘ऑपरेशन अर्नब’ 

एक रिपोर्ट के अनुसार इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुद की कथित आत्महत्या मामले को फिर से खोला गया और ‘ऑपरेशन अर्नब’ शुरू कर दी। इस ऑपरेशन में मुंबई और रायगढ़ पुलिस के 40 कर्मियों को शामिल किया गया। संजय मोहिते ने अर्नब को गिरफ्तार करने की योजना तैयार की। जबकि इसे अंजाम देने की जिम्मेदारी हाई-प्रोफाइल एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सचिन वेज को सौंपी गई।

आप की जानकारी के लिए बता दें की इस केस में इंटीरियर डिज़ाइनर की परिवार वाले , शरद पवार के बेहद करीबी माने जाते हैं, और अर्णव को फ़साने के लिए इस केस को फर्जी तरीके से दुबारा खोला गया ।

इस टीम के एक सदस्य ने जानकारी दी और कहा कि हमने बहुत सावधानी से काम किया और टीम के प्रत्येक सदस्य ने संयम का पालन किया। शुरुआती जांच में ये पुष्टि की गई कि अर्नब कथित रूप से आत्महत्या के मामले में शामिल थे। ये एक गुप्त ऑपरेशन था और हमारे लोगों ने अर्नब के घर के कई चक्कर लगाए थे। हमें डर था कि जानकारी लीक हुई तो अर्नब गिरफ्तारी से बचने के लिए शहर से बाहर जा सकते हैं।

वही जैसे ही अर्नब को गिरफ्तार करने का दिन आया, तो प्लानिंग के साथ पुलिस उनके घर गई। पुलिस ने तय किया कि कौन दरवाजा खटखटाएगा, कौन अर्नब और उनके परिवार के सदस्यों से बात करेगा। साथ में ही विरोध होने पर क्या कदम उठाया जाएगा।

अर्नब को पकड़ने के बाद उन्हें रायगढ़ जिले की एक अदालत में पेश किया गया। जहां कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इस मामले में अर्नब गोस्वामी के अलावा फिरोज मोहम्मद शेख और नितेश सारदा को भी आरोपी बनाया गया है। वहीं अर्नब के वकील ने जमानत याचिका दायर कर दी है।

अर्नब पर आरोप है कि उन्होंने 53 वर्षीय इंटीरियर अन्वय नाइक को बकाए पैसे नहीं दिए थे। जिसके कारण अन्वय नाइक और उनकी मां ने आत्महत्या कर ली थी। आरोपियों को 5.40 करोड़ रुपये का भुगतान करना था। यह केस 2  साल पूरा है और यह केस पर क्लॉसर रिपोर्ट दी जा चुकी थी. पूरे मामले में महाराष्ट्र सरकार की नियत साफ़ नहीं है और लग रहा है की अर्णव गोस्वामी को किसी भी तरह से फ़साने के लिए सरकारी तंत्र का दुरपयोग किया गया है

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