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सरकार ने रद्द किए 44 लाख राशन कार्ड, वजह जान लग सकता है बड़ा झटका

नई दिल्ली : मोदी सरकार ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए पब्लिक डिस्ट्रीब्युशन सिस्टम (PDS) से 43 लाख 90 हजार फर्जी और अवैध राशन कार्ड रद्द कर दिए हैं. सरकार के इस कदम से अन्य कई लोगों को लाभ मिलेगा वहीं राशन दुकानों पर होने वाले फर्जीवाड़े पर भी सरकार के इस कदम से रोक लग सकेगी. बता दें कि मोदी सरकार द्वारा यह कदम इसलिए उठाया गया है जिससे कि राशन पाने वाले योग्य लाभार्थियों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत सब्सिडी वाला अनाज प्रदान हो सके. वहीं जो इसके योग्य नहीं है उन्हें इस सुविधा से अब वंचित किया जा सकेगा.

इस संबंध में जानकारी देते हुए खाद्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया है कि, फर्जी कार्ड को चिन्हित करना जरूरी था. अधिकारी ने बताया कि इससे पहले साल 2013 में बड़े राशन कार्ड फर्जीवाड़े का ख़ुलासा हुआ था. 2019 में भारत सरकार ने इस ओर अपना ध्याना केंद्रित किया और बड़ी संख्या में नकली राशन कार्ड की पहचान हुई थी. खाद्य मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक़, ”प्रदेशों के लिए परिभाषिति कवरेज के भीतर नये लाभार्थियों को जोड़ते रहते हैं.”

इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट की माने तो, ”नेशनल फूड​ सिक्योरिटी एक्ट के तहत करीब 81.35 करोड़ लोगों को लाभ मिलता है. यह देश की आबादी का लगभग दो-तिहाई हिस्सा है. फिलहाल करीब 80 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्र योजना (PMGKAY) के तहत हर महीने 5 किलो मुफ्त अनाज मिल रहा है. सरकार इस योजना का विस्तार कर सकती है. इस योजना को मार्च 2020 में कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न स्थिति से लड़ने के लिए शुरू किया गया था.”

2 रु प्रति किलोग्राम गेंहू, 3 रु प्रति किलोग्राम चावल…

बता दें कि देशभर में यह सरकारी सुविधा गरीबों के बेहतर जीवन-यापन के लिए कार्यरत है. राशन कार्ड की मदद से सरकारी राशन दुकानों पर 2 रु प्रति किलोग्राम गेंहू और 3 रु प्रति किलोग्राम चावल प्रदान किया जाता है. खाद्य मंत्रालय के अधिकारी की माने तो हर माह देश में 3.2 करोड़ टन अनाज सरकार की ओर से मुफ्त में बांटा जाता है.

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