धार्मिक

छोटी दिवाली की रात जरूर जलाएं मुख्य द्वार पर एक दीपक, ऐसा करने से नष्ट हो जाएंगे सारे पाप

छोटी दिवाली 13 नवंबर के दिन आ रही है। छोटी दिवाली के दिन ही नरक चतुर्दशी भी आती है। नरक चतुर्दशी के दिन घर में दीपक जरूर जलाना चाहिए। इस दिन दीपक जलाने से घर में बरकत होती है और नरक लोक से रक्षा होती है। कहा जाता है कि जो लोग नरक चतुर्दशी के दिन दीपक जलाते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं। नरक चतुर्दशी के दिन आंगन से दीपक जलाने से एक कथा भी जुड़ी हुई है। जो कि इस प्रकार है।

नरक चतुर्दशी से जुड़ी कथा

एक प्रचलित कथा के अनुसार रति देव नामक एक धर्मात्मा हुआ करता था। इस राजा ने अपने जीवन में कोई भी पाप नहीं किया था। ये सदा धर्म के मार्ग पर ही चलते थे। लेकिन जब इनकी मृत्यु हुई तो इनको नरक लोक में जगह मिली। जिससे ये दुखी हो गए। इन्होंने नरक लोक में जगह मिलने पर यमदूत से कहा कि मैंने तो कभी भी कोई पाप नहीं किया। तो मुझे नरक लोक में जगह क्यों दी गई।

ये बात सुनकर यमदूत ने कहा कि आपके महल से एक ब्राह्मण भूखा पेट लौट था और उसकी वजह से आपको नरक में जगह मिली है। ये बात सुनकर रति देव ने यमदूत से कहा कि आप मुझे बस एक साल का समय दें। मैं अपनी ये गलती सुधारना चाहता हूं। यमदूत ने रति देव की बात मान ली और राजा को एक साल का समय दे दिया।

राजा ने अपनी गलती सुधारने का फैसला किया और ऋषियों के पास अपनी इस समस्या को लेकर पहुंचे। तब ऋषियों ने उन्हें कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी का व्रत रखने को कहा, इस दिन एक दीपक जलाने की सलाह दी और ब्राह्मणों को भोजन कराने को कहा। ऋषियों की बात को मानते हुए राजा ने कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी का व्रत किया और ब्राह्मणों की सेवा की। वहीं एक साल बाद यमदूत राजा को फिर लेने आए, इस बार उन्हें नरक के बजाय स्वर्ग लोक ले गए।

तभी से कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष को दीप जलाने की परंपरा शुरू हुई। ताकि भूल से हुए पाप को भगवान माफ कर दें। इसलिए आप भी छोटी दिवाली यानी नरक चतुर्दशी पर घर के आंगन में दीपक जलाएं। ये दीपक घर का सबसे बड़ा सदस्य ही जलाएं। जबकि एक दीपक घर से थोड़ा दूर जलाएं। दीपक जलाते समय इस बात का ध्यान रखें कि घर के दूसरे सदस्य घर के अंदर ही रहें और इस दीपक को न देखें।

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