कहानी: जब यमराज ने मारा था 4 पांडवों को तो युधिष्ठिर ने ऐसे किया था पुनर्जीवित

हिंदू धर्म में महाभारत का युद्ध काफी लोकप्रिय है। इस युद्ध में पांडवों की जीत हुई थी। पांडवों को जिताने में भीम और अर्जुन की अहम भूमिका थी। वह अर्जुन ही थे जिन्होंने भीष्म सहित कई बड़े महारथियों को पराजित किया था। दुर्योधन और उसके सभी भाई भीम के हाथों मारे गए थे। यह बात वैसे आप में से कई लोग पहले से जानते होंगे।
लेकिन इस बात की कम ही लोगों को जानकारी है कि युद्ध से कुछ वक्त पहले भीम, अर्जुन, नकुल, सहदेव मर गए थे। ऐसे में अपने चारों भाइयों को युधिष्ठिर ने पुर्नजीवित करवाया था। यह सब कैसे हुआ था उसी के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
पांडव का वनवास चल रहा था। एक दिन वे जंगल में घूमते घूमते थक गए। उन्हें जोरों की प्यास लगी। तब युधिष्ठिर ने नकुल को पानी लाने के लिए कहा। जल की तलाश में नकुल एक तालाब किनारे जा पहुंचा। प्यासे नकुल ने फटाफट उस तालाब से पानी पीना शुरू कर दिया। तभी एक आकाशवाणी हुई जिसमें कहा गया कि ‘पानी पीने से पहले मेरे सवालों के जवाब देना होंगे’ नकुल ने इसे अनसुना कर दिया और पानी पीते ही उसकी मृत्यु हो गई।
जब बहुत देर तक नकुल नहीं आए तो युधिष्ठिर ने सहदेव को नकुल और पानी की तलाश करने भेजा। सहदेव भी उसी तालाब के पास पहुंच गए। वे भी प्यासे थे तो पानी पीने लगे। एक बार फिर आकाशवाणी हुई ‘पानी पीने से पहले मेरे सवालों के जवाब दो’। नकुल ने इस पर ध्यान नहीं दिया और पानी पीते ही उनकी मौत हो गई।
जब सहदेव भी बहुत देर तक नहीं लौटे तो युधिष्ठिर ने अर्जुन और उनके बाद भीम को भेज। इन दोनों भाइयों का भी वही हाल हुआ। अंत में युधिष्ठिर स्वयं उन्हें खोजने निकले। जब वे उस तालाब के नजदीक गए तो चारों भाइयों का मृत शव देख कुछ समझ नहीं पाए। इस मौत का रहस्य जानने वह तालब के पास गए।
अब युधिष्ठिर तालाब से पानी पीते उसके पहले फिर आकाशवाणी हुई ‘पानी पीने से पहले मेरे सवालों के जवाब दो, अन्यथा तुम भी अपने भाइयों की तरह मारे जाओगे।’ इस पर युधिष्ठिर पानी पीते पीते रुक गए और पूछा आप कौन हैं? आकाशवाणी ने जवाब दिया मैं यक्ष हूं और इस तालाब पर मेरा अधिकार है। यदि यहाँ का पानी चाहिए तो पहले मेरे सभी सवालों का जवाब देना होगा।
युधिष्ठिर मान गए और उन्होंने यक्ष के सभी सवालों के सही जवाब दे दिए। युधिष्ठिर के इस जवाब से यक्ष प्रसन्न हुए और उन्होंने चारों मृत पांडवों को भी पुन: जीवित कर दिया। असल में ये यक्ष साक्षात यमराज थे। वे पांडवों की परीक्षा ले रहे थे।